लद्दाख विवाद पर मनमोहन सिंह ने दी पीएम मोदी को नसीहत, कहा- शब्दों का ख्याल रखें प्रधानमंत्री

 पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर चल रहे विवाद को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को नसीहत दी है। मनमोहन सिंह ने कहा, हमारे प्रजातंत्र का दायित्व प्रधानमंत्री पर है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 22, 2020 5:08 AM IST / Updated: Jun 29 2020, 07:36 PM IST

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर चल रहे विवाद को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को नसीहत दी है। मनमोहन सिंह ने कहा, हमारे प्रजातंत्र का दायित्व प्रधानमंत्री पर है। ऐसे में उन्हें अपने शब्दों व ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं समारिक और भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सावधान होता चाहिए।

मनमोहन सिंह ने कहा, 15-16 जून को गद्दाख की गलवान वैली में हमारे 20 जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी है। इन बहादुर जवानों ने साहस के साथ कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। देश के इन सपूतों ने अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा की। हम उन साहसी सैनिकों और उनके परिवार के कृतज्ञ हैं, उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। 

हम इतिहास के नाजुक मोड़ पर खड़े
मनमोहन सिंह ने कहा, आज हम इतिहास के नाजुक मोड़ पर खड़ा हैं। हमारी सरकार के निर्णय और सरकार द्वारा उठाए गए कमद तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनका कंधों पर ही दायित्व है।
 


चीन ने की जबरन घुसपैठ
चीन ने अप्रैल 2020 से लेकर जून तक भारतीय सीमा में गलवान वैली एवं पांगोंग त्सो लेक में अनेकों मृबार जबरन घुसपैठ की। हम ना तो उनकी धमकियों और दबाव के सामने झुकेंगे और ना ही भूभागीय अखंडता के साथ कोई समझौत स्वीकार करेंगे। पीएम को अपने बयानों से षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामने करने वा स्थिति से निपटने के लिए परस्पर सहमति से काम करें। 

एकजुट होकर जवाब देना है
मनमोहन सिंह ने कहा, यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है। संगठित होकर जवाब देना है। हम सरकार से अपील करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीतिक और मजबूत विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झुठ से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता। 

चुनौतियों का सामना करें पीएम
उन्होंने आगे कहा, हम पीएम और केंद्र से अपील करते हैं कि वक्त की चुनौतियों का सामना करें। हमारे सैनिकों की कुर्बानियों पर खरे उतरें। इससे कुछ भी कम जनादेश से विश्वासघात होगा।

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