लश्कर के तीन आतंकियों को दस साल की सजा, राजनेताओं, जर्नलिस्ट और पुलिस अफसरों की हत्या का रचे थे षड़यंत्र

तीनों आतंकवादियों को मुंबई एटीएस ने असलहों के साथ वर्ष 2012 में गिरफ्तार किया था। कालाचौकी में तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ था। जांच में इनके लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी का सदस्य होने की पुष्टि हुई थी। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 15, 2021 3:15 PM IST / Updated: Jun 15 2021, 08:58 PM IST

मुंबई। नांदेड़ मामले में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को दस साल की सजा सुनाई है। यह सजा एनआईए मुंबई की विशेष अदालत ने दी है। 
तीनों आतंकवादियों को मुंबई एटीएस ने असलहों के साथ वर्ष 2012 में गिरफ्तार किया था। कालाचौकी में तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ था। जांच में इनके लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी का सदस्य होने की पुष्टि हुई थी। आरोप है कि इन लोगों ने मुंबई में कुछ राजनीतिज्ञों, जर्नलिस्ट व पुलिस अफसरों के हत्या का षड़यंत्र रचा था। 

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एटीएस ने पांच लोगों को किया था गिरफ्तार

महाराष्ट्र एटीएस ने साल 2012 में पांच लोगों को नांदेड़ से अरेस्ट किया था। बाद में यह केस एनआईए ने ले लिया था। एनआईए के अनुसार अकरम रोजगार के लिए सउदी अरब गया था। इसी दौरान उसका संपर्क पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों से हुआ। रियाद में रहते हुए अकरम ने हैदराबाद, नांदेड़ और बेंगलुरू सहित भारत के विभिन्न स्थानों पर हिंदूवादी नेताओं, जर्नलिस्ट और पुलिस अधिकारियों की हत्या का षड़यंत्र रचा। लेकिन एटीएस ने इस षड़यंत्र को फेल कर दिया। 

एनआईए की विशेष अदालत ने सुनाई सजा

मंगलवार को एनआईए की विशेष अदालत ने मोहम्मद अकरम, मोहम्मद मुजम्मिल, मोहम्मद सादिक को यूएपीए और शस्त्र कानून के तहत दोषी ठहराया और इन्हें दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। जबकि इस मामले में पकड़े गए मोहम्मद इलियास और मोहम्मद इरफान को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। 

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