3 बार के सीएम की 36 साल बाद वकील के तौर पर वापसी, देश के सबसे ज्वलित मुद्दे CAA पर रखा पक्ष

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और असम के तीन बार के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने 3 दशक बाद बुधवार को कोर्ट में वापसी की। तरुण गोगोई ने देश के सबसे ज्वलित मुद्दे नागरिकता कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सरकार के खिलाफ पक्ष रखा। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 18, 2019 12:27 PM IST / Updated: Dec 18 2019, 06:08 PM IST

नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और असम के तीन बार के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने 3 दशक बाद बुधवार को कोर्ट में वापसी की। तरुण गोगोई ने देश के सबसे ज्वलित मुद्दे नागरिकता कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सरकार के खिलाफ पक्ष रखा। 

गोगोई पेशे से वकील हैं। उन्होंने कोर्ट में नागरिकता कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर  कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के साथ दलीलें रखीं। इससे पहले उन्होंने आखिरी बार 1983 में केस लड़ा था। गोगोई के बेटे और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपने पिता की फोटो शेयर की। 

22 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
इस मामले में कोर्ट ने 22 जनवरी तक सुनवाई टाल दी। साथ ही कोर्ट ने नागरिकता बिल पर जवाब के लिए सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, राज्यसभा सांसद मनोझ झा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। 

क्या है नागरिकता संसोधन कानून? 
नागरिकता कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आने वाले अल्पसंख्यकों हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी धर्म के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है।

देश के कई राज्यों में हो रहा हिंसक विरोध
नागरिकता कानून का देश के कई इलाकों में विरोध हो रहा है। असम, बंगाल और दिल्ली में कुछ इलाकों में हिंसक प्रदर्शन भी हुई। दिल्ली के जामिया में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के झड़प के मामले भी सामने आए हैं।

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