फेय गांव के एक व्यक्ति ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर को अच्छी गुणवत्ता वाले नल के पानी की आपूर्ति हो रही है। यहां तक कि सर्दियों के दौरान भी सौर पैनलों की मदद से पानी सप्लाई हो रही है।
लद्दाख। लेह में जल जीवन मिशन की मदद से कई गांवों में शुद्ध पेयजल शुरू हो चुका है। लेह (Leh) के फेय गांव (Phey Village) में अब जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत नल के पानी की आपूर्ति हो रही है। सर्दियों में भी सौर पैनलों की मदद से पानी की सप्लाई की जा रही है।
लोग खुश, ठंडी में भी मिल रहा गुणवत्ता वाला पानी
फेय गांव के एक व्यक्ति ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर को अच्छी गुणवत्ता वाले नल के पानी की आपूर्ति हो रही है। यहां तक कि सर्दियों के दौरान भी सौर पैनलों की मदद से पानी सप्लाई हो रही है।
देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 2024 तक टैप वॉटर
जल जीवन मिशन योजना का लक्ष्य देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 2024 तक नल के पानी के कनेक्शन से जोड़ना है। 2014 में संयुक्त राष्ट्र की जल रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 120 मिलियन से अधिक घरों में अपने घरों के पास स्वच्छ पानी की पहुंच नहीं है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 189 मिलियन ग्रामीण परिवार हैं और हर घर में पाइप से पानी पहुंचाने की योजना चल रही है। अभी तक कुल ग्रामीण परिवारों का 50% तक पानी की पहुंच हो सकी है।
लेह-लद्दाख में टैप वॉटर पहुंचाने में कई बाधाएं
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में लेह जैसे कुछ दुर्गम क्षेत्र में पाइप से पानी उपलब्ध कराने के राष्ट्रीय कार्यक्रम में भौगोलिक बाधाओं भी हैं। इसके अलावा, चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के कारण इस क्षेत्र में सैन्य निगरानी बढ़ गई है। परियोजना से जुड़े लोगों ने कहा कि डिप्लिंग नामक एक ऐसे सुदूर गांव में, एक स्थायी जल स्रोत का पता लगाने और पाइपलाइन नेटवर्क बिछाने में काफी कठिनाई हुई क्योंकि सामान को ले जाने के लिए सही सड़क नहीं थी।
परियोजना से जुड़े इंजीनियर्स ने बताया कि अधिकांश गांवों में बिजली की कमी थी, जिसके बिना कार्यात्मक पाइप जल आपूर्ति प्रदान करना असंभव है क्योंकि मोटर उपकरण चलाने और निगरानी सेंसर के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। लेह में इंजीनियरों ने समस्या को हल करने के लिए सौर ऊर्जा इकाइयों का निर्माण किया गया।
केंद्र ने परियोजना के लिए किया बजट एलॉट
केंद्रीय बजट ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन के लिए 2019-20 में 10,001 करोड़ रुपये आवंटित किए। 2020-21 में 11,500 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। केंद्रीय बजट 2021-22 ने इस मिशन के लिए 50,000 करोड़ तक दे दिया है।
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