बंगाल सफारी: शेरनी 'सीता' को शेर 'अकबर' के साथ रखने पर भड़का VHP का गुस्सा, कोर्ट पहुंचा मामला

पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी सफारी पार्क में 'अकबर' नाम के शेर के साथ 'सीता' नाम की शेरनी को रखे जाने के खिलाफ VHP ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।

Vivek Kumar | Published : Feb 17, 2024 3:03 PM IST / Updated: Feb 17 2024, 09:51 PM IST

कोलकाता। पश्चिम बंगाल का सिलीगुड़ी सफारी पार्क एक अनोख मामले को लेकर विवाद में फंस गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने कभी सोचा भी नहीं था कि शेर और शेरनी के नाम रखने में हुई गलती से चलते उन्हें कोर्ट के चक्कर काटने पड़ जाएंगे।

दरअसल, सफारी के शेर और शेरनी को ऐसा नाम दिया गया, जो धर्म से जुड़ा हुआ था। शेर और शेरनी अलग-अलग थे तब किसी को इस नाम पर आपत्ति नहीं थी, लेकिन दोनों को एक ही बाड़े में रखे जाने से स्थिति बदल गई और विवाद ने जन्म ले लिया।

सिलीगुड़ी के सफारी पार्क का है मामला

सिलीगुड़ी के सफारी पार्क के एक बाड़े में 'सीता' नाम की शेरनी को कथित तौर पर 'अकबर' नाम के शेर के साथ रखा गया। इसके चलते विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) का गुस्सा भड़क गया है। वीएचपी ने पश्चिम बंगाल वन विभाग के इस कदम को कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी है। वीएचपी के बंगाल शाखा ने जलपाईगुड़ी में कलकत्ता हाईकोर्ट के सर्किट बेंच में याचिका लगाई है। इस मामले में 20 फरवरी को सुनवाई होगी।

वीएचपी ने कहा- बदला जाए शेरनी का नाम

वीएचपी ने पश्चिम बंगाल के वन विभाग के अधिकारियों और बंगाल के सफारी पार्क के निदेशक को मामले में पक्षकार बनाया है। इस मामले में वन विभाग ने कहा है कि शेरों को हाल ही में त्रिपुरा के सिपाहीजला प्राणी उद्यान से लाया गया था। वे 13 फरवरी को सफारी पार्क पहुंचे। यहां उनका नाम नहीं बदला गया था।

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वीएचपी ने अपनी याचिका में कहा है कि पश्चिम बंगाल के वन विभाग ने शेरों को ये नाम दिए। 'सीता' को 'अकबर' के साथ जोड़ना हिंदुओं के लिए अपमानजनक है। शेरनी का नाम बदला जाए।

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