कर्नाटक में महिला को नग्न घुमाने का मामलाः हाईकोर्ट ने सुनाई कविता, "सुनो द्रौपदी..."

कर्नाटक के बेलगावी में एक महिला को नग्न कर घुमाने के मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने द्रौपदी का जिक्र किया। कोर्ट ने कविता की लाइन सुनाई "सुनो द्रौपदी! अपने हथियार उठाओ; अब गोविंद नहीं आएंगे।"

Vivek Kumar | Published : Dec 19, 2023 3:29 AM IST / Updated: Dec 19 2023, 10:10 AM IST

बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को बेलगावी में एक महिला को नग्न कर घुमाने के मामले में सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने महाभारत की पौराणिक चरित्र द्रौपदी का जिक्र किया। बेलगावी में पीड़िता के साथ मारपीट की गई थी। आरोपियों ने उसे नग्न घुमाया गया। उसे बिजली के खंभे से बांधा गया। महिला का बेटा एक लड़की के साथ भाग गया था।

हाईकोर्ट ने इस घटना पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि घटना के वक्त मौके पर इतने सारे लोग थे, लेकिन किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की। यह सामूहिक कायरता है। ऐसे मामले पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। पुलिस ब्रिटिश राज की नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ऐसे अत्याचारों को रोकने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी की जरूरत पर प्रकाश डाला। चीफ जस्टिस ने महाभारत के पात्रों का जिक्र करते हुए कहा कि यह युग दुर्योधन और दुशासन का है। कोर्ट ने एक कविता की लाइन कही, "सुनो द्रौपदी! अपने हथियार उठाओ; अब गोविंद नहीं आएंगे।" यह कविता पीड़ितों को न्याय पाने के लिए लड़ने की प्रेरणा देती है।

क्या है मामला?
बेलगावी में महिला को नग्न कर घुमाने की घटना पिछले सोमवार को घटी थी। 24 साल का अशोक नाम का युवक 18 साल की प्रियंका नाम की लड़की को लेकर घर से भाग गया था। दोनों एक ही समुदाय के हैं। वे आपस में प्रेम करते हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वे रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात करीब 12:30 बजे घर से भागे। इसके बात लड़की के आक्रोशित परिजनों और रिश्तेदारों ने अशोक के घर पर हमला कर दिया। उन्होंने अशोक की 42 साल की मां के साथ मारपीट की और उसे नग्न कर गांव में घुमाया।

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इस मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने गुलामी के दिनों की घटना का जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि भारत के पूर्व गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक के वक्त पूरे गांव को एक अपराध के लिए सजा भुगतान करना पड़ा था। कोर्ट ने कहा कि गांव के सभी लोगों को जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। लोग कह सकते हैं कि मैंने कुछ नहीं किया तो मुझे सजा क्यों दी जाए? लेकिन वे मूकदर्शक बने रहे। इन्होंने ऐसी घटना रोकने की कोशिश नहीं की। हाईकोर्ट ने आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को घटना की जांच करने का निर्देश दिया है।

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