20 लाख करोड़ नहीं, बल्कि 13 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा, जानिए बाकी पैसे कहां गए?

कोरोना महामारी के बीच पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान अब जो राहत पैकेज का ऐलान किया जा रहा है और जो पहले किए जा चुके हैं, दोनों मिलाकर यह भारत की अर्थव्यवस्था का 10% है।  

Asianet News Hindi | Published : May 13, 2020 7:28 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान अब जो राहत पैकेज का ऐलान किया जा रहा है और जो पहले किए जा चुके हैं, दोनों मिलाकर यह भारत की अर्थव्यवस्था का 10% है। ऐसे में बताते हैं कि आखिर लॉकडाउन 4.0 से पहले देश को कितने रुपए का आर्थिक पैकेज मिलने वाला है?  

आरबीआई पहले ही कर चुका है 4.74 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पहले ही दो चरणों में करीब 4.74 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान कर चुका है। पहले 27 मार्च को आरबीआई ने नकदी बढ़ाने के कई उपायों की घोषणा की। 17 अप्रैल को रिजर्व बैंक ने फिर 1 लाख करोड़ रुपये के नकदी प्रवाह बढ़ाने के उपाय किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी 1.7 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को मदद देने की बात कही गई। इस तरह करीब 6.44 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा पहले ही हो चुकी है। 

तो फिर कितने रुपए की राहत मिलेगी?
कोरोना महामारी में सरकार अब तक करीब 6.44 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान कर चुकी है। अब पीएम द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए में से सिर्फ 13.56 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान बाकी है, जो सरकार आज कर सकती है।

MSME के लिए आर्थिक पैकेज
पीएम ने कहा- ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। 

पैकेज हर नागरिक के लिए होगा
पीएम ने कहा, ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है, जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में जो Reforms हुए, उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम, अधिक समर्थ नजर आईं हैं।

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