72 साल बाद भी एक तिहाई वोटर्स की पहुंच से दूर हैं पोलिंग बूथ: क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में पहुंच पाएंगे ये 'लापता वोटर्स'

भारत में 1951 में पहला आम चुनाव हुआ था। तब भारत में 17.32 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे।

Lok sabha 2024: भारत में पहले आम चुनाव से अबतक वोटर्स की संख्या में छह गुना बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि, वोटर्स की संख्या भले ही बढ़ रही है लेकिन एक तिहाई वोटर्स बूथों से लापता ही रहते हैं। अब इन लापता वोटर्स को खोजकर बूथों तक लाने के लिए चुनाव आयोग मंथन कर रहा है। हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 में इन एक-तिहाई मतदाताओं को वोट तक लाना चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती होगी। आयोग रिमोट वोटिंग के जरिए इन वोटर्स को अपने मताधिकार के प्रयोग करने और अधिक से अधिक वोटिंग का प्रयास करने में लग गया है।

पहले आम चुनाव में 45.67 प्रतिशत ने की थी वोटिंग

Latest Videos

भारत में 1951 में पहला आम चुनाव हुआ था। तब भारत में 17.32 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे। इनमें से 45.67 प्रतिशत वोटर्स ने अपने प्रतिनिधि चुनने के लिए बूथ तक आने में रूचि दिखाई थी। हालांकि, बाद के वर्षों में वोटर्स में जागरूकता आई और यह संख्या बढ़ने के साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था में उनकी भागीदारी भी बढ़ी। 1957 के आम चुनावों में 19.37 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे। 1957 के आम चुनावों में 47.74 प्रतिशत ने अपने प्रतिनिधियों को लोकसभा भेजने के लिए मतदान किया।

1962 में पहली बार पचास प्रतिशत से अधिक वोटिंग

1962 के आम चुनावों में पहली बार चुनाव प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी 50 प्रतिशत से अधिक हो गई। इस चुनाव में 21.64 करोड़ वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट में शामिल हुए थे। इनमें से 55.42 प्रतिशत ने वोटिंग की थी।

2009 में तीन गुना से अधिक बढ़े वोटर्स

2009 तक देश में वोटर्स की संख्या में तीन गुना से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई। इस साल वोटर्स की कुल संख्या 71.70 करोड़ दर्ज की गई। लेकिन मतदान केंद्रों तक केवल 58.21 प्रतिशत वोटर्स पहुंचें। यह प्रतिशत 1962 की वोटिंग से कुछ प्रतिशत अधिक थी।

2014 में वोटों की खूब हुई बारिश

2014 के आम चुनावों में 83.40 करोड़ वोटर्स रजिस्टर्ड किए गए थे। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में 66.44 प्रतिशत वोटर्स ने वोट किए जो सबसे अधिक था। इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव 2019 में 91.20 करोड़ वोटर्स के नाम रजिस्टर्ड किए गए। इस चुनाव में 67.40 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर वोट डालने पहुंचे थे।

इस बार अधिक वोट कराने पर जोर

चुनाव आयोग के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो 2024 के आम चुनाव में वोटर्स की संख्या छह गुना बढ़ चुका है। एक जनवरी 2023 को कुल मतदाताओं की संख्या 94,50,25,694 थी। लेकिन एक निराशाजनक डेटा यह कि एक तिहाई वोटर बूथ तक वोट करने नहीं पहुंचता। चुनाव आयोग चाहता है कि इस बार मतदान प्रतिशत 75 प्रतिशत तक पहुंच जाए। चुनाव आयोग ने उन 30 करोड़ वोटर्स के लिए मंथन शुरू कर दिया है जो बूथ से लापता रहते हैं। यह वोटर्स 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बूथों से लापता थे। इन 30 करोड़ लापता मतदाताओं की श्रेणी में शहरी क्षेत्र के लोग, युवा और प्रवासी शामिल हैं। अभी हाल में ही बीते हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनाव में भी यह वोटर्स लापता ही थे।

कौन हैं यह लापता वोटर्स?

चुनाव के जानकार बताते हैं कि यह लापता वोटर्स वह प्रवासी वोटर्स हैं जो घर से दूर रोजी-रोटी की जुगाड़ में रहते हैं। वोटर लिस्ट में इन प्रवासियों के नाम उनके जिले-गांव के वोटर लिस्ट में होते हैं लेकिन रोजी की मजबूरी इनको वोट देने बूथ तक नहीं ला पाती है। घर से हजारों किलोमीटर दूर रोजगार कर रहे यह वोटर्स मजबूरीवश नहीं आ पाते हैं। अब चुनाव आयोग इन की मजबूरियों को ध्यान में रखते हुए, रिमोट वोटिंग तकनीक का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, रिमोट वोटिंग का प्रस्ताव तो बेहद क्रांतिकारी है लेकिन राजनीतिक दलों की चिंताएं भी वाजिब हैं। अगर चुनाव आयोग, राजनीतिक दलों की चिंताओं को दूर करते हुए रिमोट वोटिंग के प्रस्ताव को लाने में सफल होता है तो संभव है कि बूथ से लापता वोटर्स में अधिकतम संख्या अपनी हाजिरी दर्ज कराने में सफल हो सकेगी।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!
महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका