MP बोर्ड में कोई भी फेल नहीं होगा, लेकिन 10th के रिकॉर्ड के आधार पर रिजल्ट के फॉर्मूले ने उलझन पैदा की

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल(MP बोर्ड)  12वीं का रिजल्ट 10वीं के पांच विषयों के सबसे ज्यादा अंकों के आधार पर जारी करेगा। यानी कोई भी बच्चा फेल नहीं होगा। लेकिन इस फॉर्मूले में अधिभार यानी वेटेज शब्द का इस्तेमाल किया गया है, इसे लेकर उलझन हो गई है।
 

भोपाल. माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 12वीं के रिजल्ट का फार्मूला तय कर दिया है। रिजल्ट 10वीं के टॉप-5 विषयों के सबसे अधिक अंकों के आधार पर निकाल जाएगा। इसमें कोई भी बच्चा फेल नहीं होगा। हालांकि इसमें सबसे ज्यादा अंकों यानी अधिभार(वेटेज) शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इसका क्या मतलब होगा, इसे लेकर संशय बना हुआ है। विस्तृत गाइडलाइन को लेकर शिक्षा विभाग एक और बैठक करेगा। दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट मंत्री मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। जिसमें 12वीं रिजल्ट का फार्मूला तय करने का प्रस्ताव मांगे गए।

ज्यादातर स्कूलों ने 11वीं का एग्जाम ही नहीं लिया
कोरोना संकट के चलते ज्यादातर स्कूलों में 11वीं की परीक्षा ही नहीं हो सकी हैं। एमपी बोर्ड पहले CBSE फार्मूले पर 12वीं का रिजल्ट घोषित करने का प्लान बनाया था, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। क्योंकि CBSE 11वीं के भी अंकों को 12वीं के रिजल्ट में जोड़ने जा रही है। इस वजह से एमपी बोर्ड को 10वीं के रिजल्ट को आधार बनाकर 12वीं का रिजल्ट घोषित करने का प्लान बनाना पड़ा।

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1 जुलाई से नहीं खुलेंगे स्कूल
इस बीच मप्र के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया-स्कूल शिक्षा विभाग को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि अभी की स्थिति को देखते हुए 1 जुलाई से स्कूल प्रारंभ नहीं करना है। इसके बारे में आगे विचार किया जाएगा। जुलाई में UG और PG की प्रवेश परीक्षा और प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा सम्पन्न होने वाली है। जून-जुलाई में लगभग 18 लाख छात्र परीक्षा में बैठेंगे। इनके परिणाम हम अगस्त के पहले हफ्ते तक दे देंगे। अगस्त के बाद जैसे ही ये परीक्षा सम्पन्न होगी, 12 की परीक्षा भी हो जाएगी।

उच्च शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि हमारी UG और PG की अंतिम वर्ष की परीक्षा जो हमने जून में कराने का निर्णय लिया था। आज कि स्थिति में हमारी 90% से अधिक परीक्षा सम्पन्न हो गई। विक्रम विश्वविद्यालय की परीक्षा 5 जुलाई तक सम्पन्न हो जाएगी। उसके बाद महाविद्यालय को अगस्त में एडमिशन करते हुए, वैक्सीनेशन के साथ, 50% की छात्र संख्या बुलाकर कॉलेज  खोलने का निर्णय करने के लिए मुख्यमंत्री ने हमको अधिकृत किया है। उम्मीद है कि हमारा सामान्य सत्र सितंबर से शुरू हो जाएगा।

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