तंजावुर सुसाइड मामला ; मद्रास हाईकोर्ट ने दिए CBI जांच के आदेश, मिशनरी स्कूल पर लगा है धर्म परिवर्तन का आरोप

तम‍िलनाडु के तंजावुर जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के जहर खाने से हुई मौत का मामला मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बैंच ने CBI को ट्रांसफर कर दिया है। मरने से पहले छात्रा ने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि हॉस्टल में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी।

Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2022 7:49 AM IST / Updated: Jan 31 2022, 03:57 PM IST

चेन्नई(Chennai).तम‍िलनाडु के तंजावुर जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के जहर खाने से हुई मौत का मामला मद्रास हाईकोर्ट ने CBI को ट्रांसफर कर दिया है। मरने से पहले छात्रा ने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि हॉस्टल में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी। छात्रा ने 9 जनवरी को जहर खा लिया था। उसकी 19 जनवरी को मौत हो गई थी। भाजपा ने आरोप लगाया था कि यह धर्म परिवर्तन का मामला है। पार्टी ने सीबीआई जांच की भी मांग की थी। इतना ही नहीं पिछले हफ्ते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी आत्महत्या की जांच के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन किया था।

वॉर्डन पर हैं गंभीर आरोप
मद्रास हाईकोर्ट ने इससे पहले 24 जनवरी को मौत से पहले पीड़िता का वीडियो बनाने वाले को पुलिस अधिकारियों के सामने पेश होने का आदेश दिया था। मृतका तंजावुर जिले के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी। आरोप है कि हॉस्टल में उसका उत्पीड़न किया जाता था। वॉर्डन उससे अपने घर का काम कराती थी। मृतका ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल करके कहा था कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। जहर खाने के बाद गंभीर हालत में छात्रा को तंजावुर के मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

पुलिस ने धर्मांतरण से किया इनकार
इस मामले में पुलिस ने हॉस्टल वार्डन को गिरफ्तार किया है। बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग(NCPCR) ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कहा कि वो घटनास्थल का दौरा करेगी। आयोग ने संबंधित SP को दौरे के समय मौजूद रहने को कहा है। आयोग की टीम इस दौरान मृतका के माता-पिता और स्कूल के स्टाफ से बातचीत करेगी। आयोग का आरोप है कि इस मामले में तमिलनाडु सरकार की ओर से सहयोग नहीं किया जा रहा है।

उधर, SP रावली प्रिया ने इस मामले में धर्मांतरण से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अरियालुर के रहनी वाली छात्रा लावण्या के पिता मुरुगनंदम ने 10 जनवरी को पुलिस को बयान दिया कि उनकी बेटी को 9 जनवरी को उल्टी होने और पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे तंजौर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था। वहां 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई। भाजपा नेता इस मामले को धर्मांतरण से जोड़ रहे हैं।

मृत्यु से पहले दिए बयान में छात्रा ने लगाए थे धर्म परिवर्तन के आरोप
छात्रा ने जब हॉस्टल में कीटनाशक खा लिया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मृत्यु से पहले उसका बयान दर्ज किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने छात्रा ने अपने बयान में सीधा और स्पष्ट आरोप लगाया कि छात्रावास वार्डन ने उस पर गैर शैक्षणिक कामों का बोझ डाला, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या का रास्ता चुना। हाईकोर्ट ने इस मामले में राय दी कि यह जांच सही रास्ते पर आगे नहीं बढ़ रही थी, क्योंकि सरकार के एक मंत्री स्कूल के पक्ष में बात कर रहे हैं। कोर्ट ने माना कि ऐसी स्थिति में राज्य पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है। कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर को राज्य पुलिस से जांच लेने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा है। 

छत्तीसगढ़ तक गर्माया है यह मामला
17 साल की लावण्या के सुसाइड करने का मामला छत्तीसगढ़ तक गर्माया हुआ है।अखिल भारतीय घर वापसी अभियान के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने पिछले दिनों कहा कि हिंदू बेटी के साथ तमिलनाडु में जो हुआ, वो अक्षम्य है। ईसाई मिशनरी सेवा के बदले सौदा करती हैं। बता दें कि प्रबल प्रताप छत्तीसगढ़ के BJP के सचिव भी हैं। 

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