सोनिया गांधी से 50 मिनट की मुलाकात के बाद शरद पवार ने कहा, सरकार बनाने पर चर्चा नहीं हुई

सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी नेता शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि जो कुछ स्थिति है उसके बारे में मैंने ब्रीफ देने का काम किया है। इसके बाद कुछ मुद्दों पर बात हुई मगर इस परिस्थिति पर हम ध्यान देंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 18, 2019 9:53 AM IST / Updated: Nov 18 2019, 06:44 PM IST

मुंबई. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी नेता शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी से महाराष्ट्र सरकार गठन पर चर्चा हुई। जो कुछ स्थिति है उसके बारे में मैंने ब्रीफ देने का काम किया है। इसके बाद कुछ मुद्दों पर बात हुई मगर इस परिस्थिति पर हम ध्यान देंगे। दोनों पार्टियों के सीनियर नेताओं की राय क्या है, उसके आधार पर हम आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे। 

सोनिया गांधी से 50 मिनट की मुलाकात के बाद शरद पवार की इन तीन बातों ने चौंकाया

1- सरकार बनाने के शिवसेना नेता संजय राउत के दावों पर एनसीपी चीफ शरद पवार का बयान, 'आप उनसे जाकर पूछिए, हमारी उनके साथ इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई।'

2-  उन्होंने कहा, साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर कोई बात ही नहीं हुई है। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के नेताओं के बीच सामान्य मुलाकात हुई थी। 

3- सोनिया गांधी से मुलाकात के कयास लगाए जा रहे थे कि महाराष्ट्र सरकार गठन पर कोई रास्ता निकलेगा, लेकिन पवार ने कहा कि उनसे सरकार गठन पर कोई बात नहीं हुई।

सोनिया और शरद पवार से 50 मिनट की मुलाकात

एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच सरकार गठन को लेकर मुलाकात हुई। हालांकि, बैठक में सरकार गठन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। जिसके बाद अगली मुलाकात में दोनों नेता सरकार गठन को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। फिलहाल दोनों के बीच 50 मिनट तक चली बैठक में पवार ने सोनिया गांधी को महाराष्ट्र के हालातों के बारे में जानकारी दी। आपको बता दें कि सोमवार को जब पवार मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंचे तो इस दौरान पत्रकारों ने सरकार गठन को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने यह कहकर सस्पेंस और बढ़ा दिया कि सरकार गठन के बारे में उनसे नहीं, शिवसेना और बीजेपी से पूछा जाना चाहिए। जिसके बाद से शिवसेना की धड़कने बढ़ गईं है। 

रविवार को ही होनी थी मुलाकात

यह बैठक रविवार को तय थी, लेकिन न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तय नहीं होने पर मुलाकात स्थगित कर दी गई थी। राकांपा के सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच राज्य सरकार के स्वरूप और शिवसेना, राकांपा-कांग्रेस के बीच मंत्रालयों के बंटवारे पर चर्चा होगी। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि सोनिया गांधी और शरद पवार की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन की स्थिति साफ हो जाएगी। इसके बाद मंगलवार को राकांपा और कांग्रेस के नेता चर्चा करेंगे। इससे पहले राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने नागपुर में दोहराया था कि सरकार बनाने में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा।

ऐसी हैं गतिविधियां 
- अगली मीटिंग में दोनों दल सरकार गठन को लेकर दोनों तय करेंगे रणनीति। 

- एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की रविवार शाम मुलाकात तय थी। पर शरद पवार को पुणे में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में देर हो गई। इसलिए, बैठक सोमवार शाम के लिए स्थगित कर दी गई। 

- महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर होने वाली इस बैठक में न्यूनतम साझा कार्यक्रम और हिस्सेदारी पर चर्चा होने की संभावना है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि सोमवार शाम को होने वाली बैठक में संभावित सरकार को लेकर तस्वीर साफ हो सकती है।

- महाराष्ट्र में कांग्रेस के अधिकतर नेता शिवसेना और एनसीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने की वकालत कर रहे हैं। पर पार्टी के अंदर कुछ नेता शिवसेना के साथ जाने को लेकर हिचक रहे हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा कि शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात काफी अहम है। हालांकि, कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना तीनों दल 'ऑल इज वेल' का संकेत दे रहे हैं। पर जब तक गठबंधन का औपचारिक तौर पर ऐलान नहीं होता, तब तक इसको लेकर सवाल उठते रहेंगे।

शिवसेना के पास ही रहेगी सीएम पद 

बताया जा रहा है कि पवार और सोनिया के बीच बैठक के बाद राज्य में नई सरकार के गठन के बारे में अंतिम मुहर लग सकती है। महाराष्ट्र में 12 नवंबर को सरकार नहीं बनने के बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद के मुद्दे को लेकर भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था। इसके बाद नए सियासी समीकरण बने हैं। इसमें शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के साथ आ रही है। सूत्रों की मानें तो तीनों दलों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार हो गया है। इसके अनुसार मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास ही रहेगा, जिस पर राकांपा और कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है। इसके एवज में राकांपा को गृह विभाग और कांग्रेस को राजस्व विभाग देने पर सहमति बन गई है। कांग्रेस और राकांपा को डिप्टी सीएम पद भी मिलेंगे।
 

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