महाराष्ट्र में हुए सियासी उलटफेर के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सरकार गठन में भागीदारी से पल्ला ही झाड़ लिया है। पवार ने कहा है कि यह निर्णय एनसीपी के तरफ से नहीं है।
मुंबई. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से मचे घमासान का शनिवार को अंत हो गया। तमाम अटकलों के बीच राज्य में भारतीय जनता पार्टी और एनसीपी ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार का गठन कर लिया है। वहीं, महाराष्ट्र में हुए सियासी उलटफेर के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सरकार गठन में भागीदारी से पल्ला ही झाड़ लिया है। पवार ने कहा है कि यह निर्णय एनसीपी के तरफ से नहीं है।
Ajit Pawar's decision to support the BJP to form the Maharashtra Government is his personal decision and not that of the Nationalist Congress Party (NCP).
We place on record that we do not support or endorse this decision of his.
25-30 MLA सरकार के साथ
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी से गठबंधन पर एनसीपी में फूट पड़ गई है. पार्टी के शरद पवार और अजित पवार के खेमे में बंटने की खबर है. सूत्रों के मुताबिक एनसीपी के 25 से 30 विधायक अजित पवार के साथ हैं। बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर से शपथ ले ली है। अब बीजेपी और एनसीपी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना होगा।
प्रेस कांफ्रेंस कर सकते है पवार
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी ने अजित पवार के समर्थन से सरकार बना ली है। देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर से सूबे के सीएम बन गए हैं और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। इस पूरे प्रकरण पर राजनीतिक दलों के साथ आम लोग भी हैरत में हैं। वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को भी सरकार गठन को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा है कि मुझे सुबह सात बजे इस बारे में सूचना मिली है और मैं कुछ देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।
शरद पवार ने कहा है कि बीजेपी के साथ जाने का फैसला अजित पवार का निजी है। इससे एनसीपी या मेरा कोई लेना देना नहीं है. इसी बीच खबर आ रही है कि एनसीपी के तमाम नेता शरद पवार के घर मिलने जा रहे हैं। इस पूरे प्रकरण पर वे एनसीपी सुप्रीमो से चर्चा करेंगे।