गांधीजी को 'भारत रत्न' देने को लेकर दायर याचिका खारिज, कहा, सम्मान से ऊंचा राष्ट्रपिता का कद

उच्चतम न्यायालय ने महात्मा गांधी को 'भारत रत्न' देने को लेकर दायर जनहित याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इंकार कर दिया

Asianet News Hindi | Published : Jan 17, 2020 10:35 AM IST / Updated: Jan 17 2020, 04:06 PM IST

नई दिल्ली:  उच्चतम न्यायालय ने महात्मा गांधी को 'भारत रत्न' देने को लेकर दायर जनहित याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि देश की जनता राष्ट्रपिता को किसी औपचारिक सम्मान से परे उच्च सम्मान देती है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने याचिकाकर्ता अनिल दत्ता शर्मा से कहा कि वह इस संबंध में केन्द्र सरकार को अपना प्रतिवेदन दें।

औपचारिक सम्मान से भी ज्यादा उच्च स्थान 

पीठ ने कहा, ''महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं और जनता उन्हें किसी औपचारिक सम्मान से भी ज्यादा उच्च स्थान पर रखती है।'' पीठ ने कहा कि राष्ट्रपिता को भारत रत्न से सम्मानित करने का सरकार को निर्देश देने का मुद्दा 'न्याययोग्य विषय' नहीं है।

हालांकि, पीठ ने कहा कि वह महात्मा गांधी को आधिकारिक अलंकरण से सम्मानित करने के लिये याचिकाकर्ता की भावनाओं से सहमत है। पीठ ने इसके साथ ही याचिका का निबटारा करते हुये कहा, ''हम आपको इस संबंध में केन्द्र को प्रतिवेदन देने की अनुमति देंगे।''

शर्मा ने अपनी याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया था कि महात्मा गांधी के राष्ट्र के प्रति योगदान के लिये उन्हें 'आधिकारिक अलंकरण' से सम्मानित करने का सरकार को निर्देश दिया जाये।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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