दिल्ली में ममता बनर्जी: राष्ट्रीय राजनीति में ‘खेला’ की तैयारी के लिए डालेंगी डेरा

केंद्रीय राजनीति में विपक्ष का चेहरा बनने के लिए ममता बनर्जी ने भी पूरी तैयारी करनी शुरू कर दी है। वह बीते दिनों ही टीएमसी संसदीय दल का नेता बनीं। जबकि वह न तो सांसद हैं न ही विधायक। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 26, 2021 11:57 AM IST / Updated: Jul 26 2021, 05:34 PM IST

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली की सियासी हलचलें बढ़ा दी है। सोमवार शाम को वह दिल्ली पहुंची हैं. वह यहां कई दिनों तक रहेंगी। टीएमसी संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद ममता की यह पहली दिल्ली यात्रा है। विपक्ष को मजबूत करने के इरादे से राष्ट्रीय राजनीति में फिर से एंट्री कर रही ममता बनर्जी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व पीएम मोदी से मुलाकात करने के साथ साथ विपक्ष के प्रमुख नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। 

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केंद्र सरकार से मोर्चा लेने के लिए संसदीय दल का नेता बनीं हैं ममता

दरअसल, पश्चिम बंगाल में तीसरी बार विजय के बाद अब ममता बनर्जी को बीजेपी के चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। केंद्रीय राजनीति में विपक्ष का चेहरा बनने के लिए ममता बनर्जी ने भी पूरी तैयारी करनी शुरू कर दी है। वह बीते दिनों ही टीएमसी संसदीय दल का नेता बनीं। जबकि वह न तो सांसद हैं न ही विधायक। जानकारों की मानें तो संसदीय दल का नेता बनने के बाद ममता बनर्जी केंद्र सरकार की उन हर बैठकों में शामिल हो सकेगी जिनमें संसदीय दल के नेता भाग लेते हैं। ऐसे में वह मजबूत विपक्ष के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगी। 

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पेगासस सहित कई मुद्दों पर मुखर विरोध कर रही हैं ममता

पेगासस स्पाईवेयर विवाद देश में तूल पकड़ता जा रहा है। ममता बनर्जी इस मामले में केंद्र को घेरना चाहती हैं। उन्होंने दिल्ली आने के पहले ही राज्य में जांच आयोग का गठन कर दिया। कुछ दिनों पहले ही सीएम ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश को सर्विलांस स्टेट बना दिया है। स्पाईगिरी हर जगह चालू है। तंज कसते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने अपने फोन के कैमरे को कवर कर लिया है ताकि उसकी हैकिंग के जरिए उनकी जासूसी न की जा सके। ममता बनर्जी ने पेगासस जासूसी कांड के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेने की अपील भी की थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जासूसी की वजह से हम फोन से दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात नहीं कर पा रहे हैं। 

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