अम्फान तूफान से 72 लोगों की मौत पर परेशान हुईं ममता बनर्जी, मोदी ने कहा, डोन्ट वरी दीदी, मदद करेंगे

Published : May 21, 2020, 06:34 PM ISTUpdated : May 21, 2020, 06:45 PM IST
अम्फान तूफान से 72 लोगों की मौत पर परेशान हुईं ममता बनर्जी, मोदी ने कहा, डोन्ट वरी दीदी, मदद करेंगे

सार

पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान तूफान से बर्बादी को देखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, अम्फान चक्रवात की वजह से पश्चिम बंगाल में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है। मैंने ऐसी आपदा पहले कभी नहीं देखी थी। मैं प्रधानमंत्री से राज्य का दौरा करने और स्थिति का जायजा लेने का अनुरोध करती हूं। 

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान तूफान से बर्बादी को देखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, अम्फान चक्रवात की वजह से पश्चिम बंगाल में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है। मैंने ऐसी आपदा पहले कभी नहीं देखी थी। मैं प्रधानमंत्री से राज्य का दौरा करने और स्थिति का जायजा लेने का अनुरोध करती हूं।  

पीएम मोदी ने कहा, मदद में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी
प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा- बंगाल में तूफान से हुई तबाही की तस्वीरें देखीं। पूरा देश मजबूती के साथ बंगाल के साथ खड़ा है। राज्य के लोगों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। प्रभावितों की मदद में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी।

मृतकों के परिजनों को 2.5 लाख रुपए का मुआवजा
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, पश्चिम बंगाल में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग हताहत हुए हैं। ममता ने मृतकों के परिवार वालों को 2.5 लाख सहायता राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी आपदा पहले कभी नहीं देखी। मैं पीएम नरेंद्र मोदी से राज्य का दौरा करने और स्थिति देखने के का आग्रह करती हूं।

21 साल बाद आया ऐसा भयंकर तूफान 72 लोगों की मौत
21 साल बाद आए सबसे ताकतवर तूफान अम्फान ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में भयंकर तबाही मचा रखी है। बुधवार को 165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अम्फान ने दोनों राज्यों को हिला कर रख दिया है। इससे अब तक कुल 72 लोगों की मौत हो चुकी है। चक्रवात की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए वहीं कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ। 

तूफान से 5500 मकानों को नुकसान
पश्चिम बंगाल में 5500 मकानों को नुकसान पहुंचा है। देर रात तक दोनों राज्यों में जोरदार बारिश और तेज हवाओं का दौर चलता रहा। 21 साल के सबसे ताकतवर तूफान के कहर से बचने के लिए बंगाल में 5 लाख तो ओडिशा में 1.58 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
 

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