
Manipur Violence Updates: एक साल से अधिक समय से मणिपुर पूरी तरह से अशांत है। राज्य में फैली जातीय हिंसा से लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा के बाद अब राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के बाद शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मणिपुर (Manipur) की सुरक्षा स्थिति को लेकर एक हाई-लेवल रिव्यू मीटिंग (High-Level Review Meeting) की। इस मीटिंग में 8 मार्च से राज्य के सभी रास्तों को खोलने और फ्री आवाजाही (Free Movement) का निर्णय लिया गया।
नई दिल्ली में हुई इस बैठक में मणिपुर की राज्यपाल (Manipur Governor), केंद्रीय गृह सचिव (Union Home Secretary), इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक (Director IB), पूर्वी कमान के सेना कमांडर (Eastern Command Army Commander), BSF, CRPF और असम राइफल्स के प्रमुख अधिकारी शामिल रहे।
गृहमंत्री अमित शाह ने मीटिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में केंद्र सरकार मणिपुर में स्थायी शांति बहाल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मणिपुर में किसी भी व्यक्ति को यात्रा में कोई बाधा न हो। साथ ही, जो लोग रास्तों को बाधित करने का प्रयास करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई (Strict Action) की जाएगी।
गृहमंत्री ने मणिपुर की अंतरराष्ट्रीय सीमा (International Border) को लेकर भी अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य के सीमावर्ती प्रवेश बिंदुओं (Entry Points) पर बाड़ लगाने (Border Fencing) का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
अमित शाह ने बैठक में यह भी कहा कि मणिपुर को ड्रग-फ्री (Drug-Free Manipur) बनाने के लिए ड्रग तस्करी से जुड़े पूरे नेटवर्क को ध्वस्त (Dismantle Drug Network) किया जाए। मणिपुर लंबे समय से ड्रग तस्करी के केंद्र के रूप में बदनाम रहा है, और केंद्र सरकार इस समस्या को खत्म करने के लिए आक्रामक रुख अपना रही है।
13 फरवरी 2025 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन (President's Rule) लागू किया गया था। राज्यपाल की रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया। इसके तहत मणिपुर विधानसभा (Manipur Assembly) की सभी शक्तियां अब संसद को हस्तांतरित हो गई हैं जिससे राज्य सरकार का नियंत्रण समाप्त हो गया।
यह पहली बार नहीं है जब मणिपुर की स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने इतनी महत्वपूर्ण बैठक बुलाई हो। नवंबर 2024 में भी अमित शाह ने इसी तरह की हाई-लेवल बैठक आयोजित की थी जिसमें सुरक्षा हालात की समीक्षा की गई थी।
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