सिसोदिया को नहीं मिली जमानत: भावुक दलीलें भी न आई काम, CBI बोली-पूर्व डिप्टी सीएम प्रभावशाली व्यक्ति, गवाहों व सबूतों के साथ हो जाएगा छेड़छाड़

सिसोदिया की भावुक दलीलों के बाद सीबीआई ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आप नेता बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं, बाहर आने पर वह गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 21, 2023 1:35 PM IST / Updated: Mar 21 2023, 09:39 PM IST

Manish Sisodia bail hearing: देश की राजधानी की आबकारी नीति केस में अरेस्ट हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। मंगलवार को हुई सुनवाई में सिसोदिया ने पत्नी की बीमारी, बेटे की पढ़ाई सहित पारिवारिक समस्याओं की लंबी चौड़ी दलीलें दी लेकिन विशेष जज ने कोई फैसला नहीं लिया। सिसोदिया की भावुक दलीलों के बाद सीबीआई ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आप नेता बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं, बाहर आने पर वह गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

Sisodia के लिए मोहित माथुर ने की जिरह

पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से स्पेशल कोर्ट में वकील मोहित माथुर ने जिरह करते हुए कहा कि कोर्ट या जांच एजेंसियां किसी भी सरकार की बनाई गई नीति की जांच या समीक्षा नहीं कर सकती हैं। कोई इस आधार पर किसी सरकारी नीति पर दखल भी नहीं दे सकती कि उसमें कोई गलती है। कोर्ट यह देख सकता है कि किसी भी सरकारी नीति से किसी भी नागरिक का कोई मूल अधिकार तो प्रभावत नहीं हुआ है। माथुर ने कहा कि दिल्ली सरकार में महज 7 मंत्री है ऐसे में सिसोदिया के पास इतने अधिक विभाग होना सामान्य बात है। इस आधार पर किसी अपराध या साजिश के तौर पर तो नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीबीआई आधा भरे गिलास को आधा खाली दिखाने की कोशिश में है। सिसोदिया के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की पत्नी बीमार है। एकलौता बेटा विदेश में पढ़ाई कर रहा है, उनकी देखभाल के लिए घर में कोई नहीं है।

बीते शुक्रवार यानी 17 मार्च को ईडी ने मनीष सिसोदिया का रिमांड पांच दिनों के लिए बढ़ा दिया था। दिल्ली आबकारी नीति केस में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया को 22 मार्च तक रिमांड पर दे दिया था। 17 मार्च को उनका रिमांड खत्म हो गया था। हालांकि, ईडी ने स्पेशल कोर्ट में सात और दिनों की रिमांड मांगी थी लेकिन पांच दिन कोर्ट ने दिया। सिसोदिया के वकील ने रिमांड का विरोध किया लेकिन ईडी ने बताया कि मनीष सिसोदिया ने अपने मोबाइल को बार-बार बदला था, उस दौरान का डेटा फिर से निकाला गया है। पूर्व डिप्टी सीएम के ईमेल और मोबाइल फोन से निकाले गए डेटा की एनालिसिस की जा रही है। इसलिए अभी और पूछताछ का समय चाहिए। इस सहमत होते हुए कोर्ट ने पांच दिनों का रिमांड और दे दिया।

9 मार्च को किया था ईडी ने अरेस्ट

ईडी ने मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को दिल्ली शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। 10 मार्च को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 7 दिन का रिमांड ईडी को दिया था। शुक्रवार 17 मार्च को एक बार फिर ईडी को पांच दिनों का रिमांड कोर्ट ने सैंक्शन कर दिया है। रिमांड मांगते हुए ED ने दावा किया है कि सिसोदिया व अन्य लोगों ने मिलकर दिल्ली आबकारी नीति को लागू करने और छूट देने के लिए 290 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत ली थी।

पढ़िए: ED के 7 सवाल जिसे आधार बनाकर मनीष सिसोदिया को किया फिर अरेस्ट

ईडी ने दावा किया कि शराब कार्टेल के 'साउथ ग्रुप' से 100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। एक आरोपी कंपनी, इंडोस्पिरिट्स ने 192.8 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। ईडी ने मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं।

पढ़िए: दिल्ली शराब नीति केस क्या है…

 

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