84 सिख दंगे को लेकर मनमोहन सिंह के मन की बात, कहा, नरसिम्हा ने गुजराल की बात मानी होती तो नहीं मरते लोग

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1984 के सिख दंगों को लेकर कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री पीवी नरसिम्हा राव यदि इंद्र कुमार गुजराल की सलाह मान लिए होते तो दिल्ली में सिखों के साथ हुए नरसंहार से बचा जा सकता था। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 5, 2019 3:37 AM IST

नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1984 के सिख दंगों को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री पीवी नरसिम्हा राव यदि इंद्र कुमार गुजराल की सलाह मान लिए होते तो दिल्ली में सिखों के साथ हुए नरसंहार से बचा जा सकता था। दरअसल, बुधवार को दिल्‍ली में पूर्व प्रधानमंत्री गुजराल की 100वीं जयंती पर आयोजित समारोह को मनमोहन सिंह संबोधित कर रहे थे इसी दौरान उन्होंने यह बात कही।

गुजराल ने राव से यह कहा था

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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा, 'दिल्‍ली में जब 84 के सिख विरोधी दंगे हो रहे थे, गुजराल जी उस समय के गृह मंत्री नरसिम्हा राव के पास गए थे। उन्‍होंने राव से कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि सरकार के लिए जल्द से जल्द सेना को बुलाना आवश्यक है। अगर राव गुजराल की सलाह मानकर आवश्‍यक कार्रवाई करते तो तो शायद 1984 के नरसंहार से बचा जा सकता था।'

2012 में गुजराल का हुआ निधन

इंद्र कुमार गुजराल 21 अप्रैल 1997 से लेकर 19 मार्च 1998 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। 30 नवंबर, 2012 में 92 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। गुजराल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने भी उन्‍हें याद किया।

84 में देश भर में हुए थे दंगे

गौरतलब है कि 1984 में सिख सुरक्षाकर्मियों के हाथों तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे, जिनमें करीब 3,000 सिखों की जान चली गई। दिल्ली में दंगों का असर सबसे ज्यादा था। कहा जाता है कि 3000 में से 2700 सिखों की हत्या दिल्ली में ही हुई थी। स्वतंत्र स्रोतों से अनुमान है कि मौतों की संख्या लगभग 8,000-17,000 है।

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