कोर्ट ने मनु सिंघवी ने कहा कि अपनी दलीलों को याचिका कि मांगों तक सीमित रखिए। तब मनु सिंघवी ने कहा, आपका कहना सही है। मगर वे बातें अंतरात्मा को धक्का पहुंचता है जब कोई कोर्ट में खड़ा होकर कहता है कि मैं एनसीपी हूं।
नई दिल्ली. महाराष्ट्र सरकार गठन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। आज शिवसेना, एनसीपी ने अपने पक्ष रखे, वहीं राज्यपाल की तरफ से और भाजपा की तरफ से भी वकीलों ने अपने पक्ष रखे। इस दौरान एनसीपी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को आदेश सुझाया और कहा कि विशेष सत्र बुलाएं, जिसमें सिर्फ बहुमत परीक्षण हो। कोर्ट ने कहा कि हम सुनवाई कर रहे हैं। हम तय करेंगे कि क्या करना है।
जब मनु सिंघवी ने कहा, अंतरात्मा को धक्का पहुंचता है
- कोर्ट ने मनु सिंघवी ने कहा कि अपनी दलीलों को याचिका कि मांगों तक सीमित रखिए। तब मनु सिंघवी ने कहा, आपका कहना सही है। मगर वे बातें अंतरात्मा को धक्का पहुंचता है जब कोई कोर्ट में खड़ा होकर कहता है कि मैं एनसीपी हूं।
फ्लोर टेस्ट में देर क्यों?
मनु सिंघवी ने कहा कि दोनों पक्ष फ्लोर टेस्ट को सही कह रहे हैं तो फिर इसमें देर क्यों? एमएलए की चिट्ठी धोखा है। दस्तखत हैं लेकिन विधायक साथ नहीं हैं। फ्लोर टेस्ट के लिए 24 घंटे का इंतजार नहीं, बल्कि आज ही होना चाहिए। मैं फ्लोर टेस्ट हारने को तैयार हूं, लेकिन यह आज ही होना चाहिए। वरिष्ठतम विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाए।
जब मनु सिंघवी से हुई पूर्व एजी की नोकझोंक
सुप्रीम कोर्ट में दलील के दौरान भाजपा की पैरवी कर रहे वकील मुकुल रोहतगी का कहा कि एक याचिका के लिए आप लोग तीन तीन वकील पैरवी कर रहे हैं। इस लिए प्रोसिजर पर तो हमें ज्ञान मत दीजिए। वहीं राज्यपाल का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये लोग एक वकील को लेकर भी आम राय नहीं बना पा रहे हैं।