जिला अदालत पहुंचा मथुरा जन्मभूमि विवाद, श्रीकृष्ण विराजमान ने कहा- जहां मस्जिद, वहीं कृष्ण का जन्मस्थान

 उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर का मामला एक बार फिर कोर्ट में पहुंच गया है। श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से जिला अदालत में सोमवार को केस दायर किया गया। इस पर करीब दो घंटे सुनवाई भी हुई। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर तक टाल दी है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 12, 2020 1:01 PM IST / Updated: Oct 12 2020, 06:36 PM IST

मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर का मामला एक बार फिर कोर्ट में पहुंच गया है। श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से जिला अदालत में सोमवार को केस दायर किया गया। इस पर करीब दो घंटे सुनवाई भी हुई। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर तक टाल दी है। 

श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दायर केस में 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक मांगा गया है। इसके साथ ही शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई। याचिका एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री ने दायर की है। उनका कहना है कि जिस जगह पर शाही ईदगाह मस्जिद खड़ी है, उस जगह कारागार था, जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। याचिका में कहा गया है कि यहां कंस की कारागार थी। जहां कृष्ण का भव्य मंदिर हुआ करता था। लेकिन मुगलों ने इसे तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद बनवा दी। 

Latest Videos

1968 का समझौता हिंदू हितों के खिलाफ था
वकील हरिशंकर जैन ने कहा, अदालत ने सोमवार को हर पहलू को सुना। इसके बाद निचली अदालत का रिकॉर्ड तलब किया है। उन्होंने 1968 के समझौते को फ्रॉड बताया। वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि का एक अच्छा खासा भूभाग मस्जिद ट्रस्ट को दे दिया गया। यह हिंदू हितों के खिलाफ था। इससे पहले 25 सितंबर को निचली अदालत में याचिका दायर की गई थी। बाद में इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 

क्या है 1968 का समझौता?
1951 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट बना। इसके बाद ये तय किया गया कि दोबारा भव्य मंदिर का निर्माण होगा। ट्रस्ट मंदिर का प्रबंधन करेगा। इसके बाद 1958 में श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संघ संस्था का गठन किया गया। हालांकि, कानूनी तौर पर संस्था को जमीन पर मालिकाना हक हासिल नहीं था। संस्था की ओर से जमीन पर नियंत्रण की मांग के लिए 1964 में सिविल केस दायर किया गया। इसके बाद संस्था ने 1968 में मुस्लिम पक्ष से समझौता कर लिया। इसके तहत मुस्लिम पक्ष ने मंदिर के लिए अपने कब्जे की कुछ जगह छोड़ी। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष को इसके बदले पास की जगह दी गई। 

Share this article
click me!

Latest Videos

धारा 370 पर मोदी ने खुलेआम दिया चैलेंज #Shorts
जम्मू के कटरा में PM Modi ने भरी हुंकार, शाही परिवार को धो डाला
तिरुपति लड्डू का भगवान वेंकटेश से कनेक्शन, क्यों 300 साल पुरानी परंपरा पर उठ रहे सवाल?
कौन हैं मुकेश अहलावत? आतिशी की टीम सबसे ज्यादा इनकी चर्चा क्यों
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता