
Mega security Drill: बुधवार को देश भर में 259 स्थानों पर मेगा सिक्योरिटी ड्रिल आयोजित किया जाएगा। इस दौरान हवाई हमले के सायरन बजेंगे और ब्लैकआउट होगा। यह ड्रिल ऐसे समय में हो रहा है जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। 1971 के बाद पहली बार ऐसा ड्रिल हो रहा है। ड्रिल देशभर में मौजूद 244 नागरिक सुरक्षा जिलों में होगा।
इनमें से कई जिले राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर जैसे सीमावर्ती राज्यों में स्थित हैं। इसके साथ ही दिल्ली, चेन्नई और मुंबई जैसे महानगरों में भी ड्रिल होगा।
गृह मंत्रालय ने देश भर में 244 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थिति की समीक्षा की है। देखा जा रहा है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उन्हें मरम्मत की जरूरत है। आम लोगों को इमरजेंसी जैसी स्थिति के लिए तैयार करने पर ध्यान दिया गया है। मुख्य फोकस हवाई हमले के सायरन के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारी पर है। अधिकारियों ने लोगों से आग्रह किया है कि घरों में मेडिकल किट, टॉर्च, मोमबत्तियां और नकदी रखें। इससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के खराब होने पर परेशानी नहीं होगी।
22 अप्रैल को आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमला कर 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया। सरकार ने आतंकियों और उनके आकाओं को इसकी कीमत चुकाने की चेतावनी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं को बदले की कार्रवाई के लिए खुली छूट दी है।
ऐसे में 1971 के बाद पहली बार सिविल डिफेंस ड्रिल करने का फैसला किया गया है। यह कोई आम बात नहीं है। 1999 में हुई कारगिल की लड़ाई के वक्त भी ऐसा नहीं हुआ था। इससे सरकार देश के लोगों को आने वाले समय में लड़ाई जैसी आपात स्थिति के लिए तैयार कर रही है। इसके साथ ही पाकिस्तान और दुनिया को साफ संदेश भी दे रही है।
भारत के रुख से पाकिस्तान को पूरा विश्वास है कि भारत हमला करेगा। हमला कब और किस पैमाने पर होगा यह उसे पता नहीं। इस बीच सिविल डिफेंस ड्रिल से भारत ने साफ संदेश दिया है कि वह न केवल नाराज है, बल्कि हर स्थिति के लिए तैयारी भी कर रहा है।
भारत के सख्त रुख को देखते हुए पाकिस्तान 24x7 हाई अलर्ट पर है। रणनीतिक दृष्टि से यह वित्तीय संकट पैदा करता है। पाकिस्तान अभी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। भारत के हमले की आशंका के डर से पाकिस्तान को अपनी सेना तैनात रखने में अधिक खर्च करना पड़ रहा है। यह रणनीतिक मनोवैज्ञानिक युद्ध है। हमला नहीं करना, बल्कि दुश्मन को ऐसा कुछ करवाना जो आप कर सकते हैं।