मध्य प्रदेश राजनीति में नया मोड़, इस्तीफा देने वाले विधायकों को 2 दिन में उपस्थित होना होगा

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए राजनीतिक संकट के बीच विधानसभा अध्यक्ष  एनपी प्रजापति ने इस्तीफा देने वाले विधायकों के लिए नया फरमान जारी किया है। एनपी प्रजापति ने इस्तीफा देने वाले विधायकों को नोटिस जारी कर 2 दिन में उपस्थित होने के लिए कहा।

Asianet News Hindi | Published : Mar 13, 2020 1:48 AM IST

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए राजनीतिक संकट के बीच विधानसभा अध्यक्ष  एनपी प्रजापति ने इस्तीफा देने वाले विधायकों के लिए नया फरमान जारी किया है। एनपी प्रजापति ने इस्तीफा देने वाले विधायकों को नोटिस जारी कर 2 दिन में उपस्थित होने के लिए कहा। स्पीकर ने कहा, आज 9 विधायकों को नोटिस जारी किया। कल 6 विधायकों को नोटिस जारी किया था। मैं नियम प्रक्रिया में बंधा हुआ हूं। नियमों का पालन करना मेरा कर्तव्य है।

विधायकों ने खुद इस्तीफा दिया या किसी दबाव में?
विधायकों को जारी नोटिस में कहा गया है,  विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के सामने उपस्थित होना होगा। विधायकों के इस्तीफे पर स्थिति साफ करने के लिए यह जानना जरूरी है कि विधायकों ने खुद से इस्तीफा दिया या फिर किसी के दबाव आकर इस्तीफा दिया।

6 विधायक 13 मार्च और 9 विधायक 15 मार्च तक उपस्थित हों
नोटिस के मुताबिक, 6 विधायकों को शुक्रवार (13 मार्च) और 7 विधायकों को शनिवार (14 मार्च) और बाकी बचे 9 विधायकों रविवार (15 मार्च) को उपस्थित होना होगा।

मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीट है। दो विधायकों को निधन के बाद यह संख्या 228 हो गई है। इसमें से 22 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं किए हैं। अभी विधानसभा में कांग्रेस के 114, भाजपा के 107, निर्दलीय 4, बसपा 2 और सपा के 1 विधायक हैं। अभी तक निर्दलीय और बसपा-सपा के विधायकों का समर्थन कांग्रेस को है।

मध्य प्रदेश में सियासी समीकरण
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीट है। दो विधायकों को निधन के बाद यह संख्या 228 हो गई है। इसमें से 22 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं किए हैं। अभी विधानसभा में कांग्रेस के 114, भाजपा के 107, निर्दलीय 4, बसपा 2 और सपा के 1 विधायक हैं। अभी तक निर्दलीय और बसपा-सपा के विधायकों का समर्थन कांग्रेस को है।

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