8 नेशनल हाईस्पीड रोड कॉरिडोर मंजूर, 936 किमी होगी लंबाई, खर्च होंगे 50655 करोड़

Published : Aug 02, 2024, 09:12 PM ISTUpdated : Aug 02, 2024, 10:26 PM IST
Modi Cabinet

सार

मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को देश की महत्वपूर्ण 8 राष्ट्रीय हाईस्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। 936 किलोमीटर लंबी इस रोड कॉरिडोर परियोजनाओं से लॉजिस्टिक्स क्षमता में वृद्धि के साथ कनेक्टिविटी में व्यापक सुधार आएगी।

National High Speed Road corridor Projects: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में 8 नेशनल हाईस्पीड रोड कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है। हाईस्पीड रोड कॉरिडोर से लॉजिस्टिक्स दक्षता इंप्रूव होने के साथ साथ देशभर में कनेक्टिविटी भी बढ़ने की उम्मीद है। मंजूर किए गए 8 हाईस्पीड नेशनल रोड कॉरिडोर की लंबाई 936 किलोमीटर होगी। इनके निर्माण में तकरीबन 50655 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को क्रांतिकारी बढ़ावा मिलेगा। 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 8 नेशनल हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी से हमारे आर्थिक विकास पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा। यह एक भविष्यवादी और जुड़े हुए भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।

इन नेशनल हाईस्पीड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी

  • 6 लेन आगरा-ग्वालियर नेशनल हाईस्पीड कॉरिडोर
  • 4 लेन खड़गपुर-मोरेग्राम नेशनल हाईस्पीड कॉरिडोर
  • 6 लेन थरड़-दीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद नेशनल हाईस्पीड कॉरिडोर
  • 4 लेन अयोध्या रिंग रोड
  • 4 लेन सेक्शन रायपुर-रांची नेशनल हाईस्पीड कॉरिडोर के पथलगांव और गुमला के बीच
  • 6 लेन कानपुर रिंग रोड
  • 4 लेन नादर्न गुवाहाटी बाईपास और वर्तमान गुवाहाटी बाईपास का चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण
  • 8 लेन एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड कॉरिडोर (पुणे के पास)

 

 

क्या होगा फायदा इन रोड प्रोजेक्ट्स की वजह से?

पीएम मोदी ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह दावा किया कि देश के 8 नेशनल हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिलने से आगरा और ग्वालियर के बीच ट्रेवेल टाइम 50 प्रतिशत कम हो जाएगा। खड़गपुर-मोरेगांव कॉरिडोर की वजह से पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर की इकोनॉकी को बूस्ट मिलेगा। कानुपर रिंग रोड से इसकी कनेक्टिविटी बेहतर होगी। रायपुर-रांची कॉरिडोर से झारखंड और छत्तीसगढ़ के विकास में तेजी आएगी। थरड़-अहमदाबाद रोड कॉरिडोर से गुजरात के पोर्ट की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। इससे लॉजिस्टिक्स कास्ट में भी कमी आएगी।

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