
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहत पैकेज का ऐलान करते हुए नौकरी-पेशा करने वालों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने ऐलान किया है कि 15 हजार रुपये से कम वेतन वाले कर्मचारियों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र सरकार देगी। सरकार ने ऐलान किया है कि 12% की जगह 10% ही ईपीएफ कटेगा। नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान सरकार कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए करीब 2500 करोड़ रुपये का खर्च होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार अब अगस्त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से EPFO जमा करेगी। इसका लाभ 3.67 लाख कंपनियों और 72 लाख कर्मचारियों को होगा। बता दें कि मार्च, अप्रैल और मई में भी सरकार ने ही कंट्रीब्यूट किया था। जिसके बाद सरकार ने अब इस सुविधा को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है।
4.3 करोड़ कर्मचारियों को हाथ में मिलेगी अब ज्यादा सैलरी
नौकरी करने वाले कर्मचारियों के हाथ में मिलने वाली सैलरी बढ़ सके, इसके लिए सरकार पीएफ कंट्रीब्यूशन को 12% से घटाकर 10% करने जा रही है। यह तीन महीने के लिए होगा। हालांकि, केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों का पीएफ 12% ही कटता रहेगा। यह उन कर्मचारियों के लिए रहेगी, जो गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत नहीं आए हैं। इससे करीब 4.3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा। इससे कर्मचारियों और कंपनियों को 6750 करोड़ अतिरिक्त रुपए मिलेंगे।
उदाहरण के तौर पर जिनकी बेसिक सैलरी 20 हजार रुपए है। सैलरी से 12% पीएफ कटता है। 12% कंपनी अपनी तरफ से जमा करती है। 2400 आपका और कंपनी 2400 कटती है। अब सिर्फ 10 % कटेगा। तो कुल 400 रुपए आपके खाते में बढ़कर आएंगे।
पीएम मोदी ने किया था ऐलान
सीतारमण 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से जुड़ी सभी डिटेल देश को बताएंगी। इस आर्थिक पैकेज का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए किया था। कोरोना महामारी से जूझ रहा देश लॉकडाउन के 50 दिनों से जिस राहत के मरहम का इंतजार था। उसका ऐलान पीएम ने कर दिया। कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई और देश को फिर से खड़ा करने के लिए मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है।
जीडीपी का 10% राहत पैकेज
20 लाख करोड़ का राहत पैकेज देश की जीडीपी का करीब 10% है। ये 2020-21 के स्वीकृत बजट यानि 30 लाख करोड़ से करीब 10 लाख करोड़ कम है। प्रधानमंत्री ने साफ किया इस आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, श्रमिकों, किसानों और मध्यम वर्ग को फायदा मिलेगा. इसके साथ ही भारतीय उद्योग जगत को भी नई ताकत देगा।