सिख भाइयों के गले में टायर बांध-बांध कर जला दिया गया...पीएम मोदी ने कांग्रेस को ऐसे याद दिलाया वो दंगा

पीएम मोदी ने लोकसभा में 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस अल्पसंख्यकों के नाम पर अपनी रोटियां सेंकती है। क्या कांग्रेस को दिल्ली के सिख विरोधी दंगे याद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सिख भाइयों के गले में टायर बांध-बांध कर जला दिया था।

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2020 10:01 AM IST / Updated: Feb 06 2020, 03:49 PM IST

नई दिल्ली. पीएम मोदी ने लोकसभा में 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस अल्पसंख्यकों के नाम पर अपनी रोटियां सेंकती है। क्या कांग्रेस को दिल्ली के सिख विरोधी दंगे याद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सिख भाइयों के गले में टायर बांध-बांध कर जला दिया था। क्या सिख अल्पसंख्यक नहीं थे। सिख दंगे के आरोपियों को जेल नहीं भेजा गया। जिन पर सिख दंगों को भड़काने का आरोप है, उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया है। 

अल्पसंख्यकों के लिए दो तराजू क्यों?
पीएम मोदी ने कहा, क्या अल्पसंख्यकों के लिए दो तराजू होंगे। पीएम ने कहा कि देश को कांग्रेस से जिम्मेदार विपक्ष की उम्मीद थी लेकिन वो गलत रास्ते पर चल पड़ा है। ये रास्ता देश को कष्ट में डालने वाला है।  

"एफडीआई भी 26 मिलियन डॉलर के पार हुआ"
पीएम मोदी ने कहा, हमने वित्तीय घाटा नहीं बढ़ने दिया। एफडीआई भी 26 मिलियन डॉलर के पार हुआ। नॉर्थ ईस्ट वालों को जो दिल्ली दूर लगती थी, आज वही दिल्ली उनके दरवाजे पर जाकर खड़ी हो गई है। चाहे बिजली की बात हो, रेल की बात हो, हवाई अड्डे की बात हो, मोबाइल कनेक्टिविटी की बात हो, हमने ये सब करने का प्रयास किया है।

"35 मिनट से बोल रहा हूं, अब जाकर करंट लगा"
उन्होंने कहा कि मैं 35 मिनट से बोल रहा हूं, लेकिन अब जाकर करंट लगा है। पीएम मोदी ने कहा कि 30-40 मिनट से बोल रहा था, मगर करंट पहुंचते हुए इतनी देर लगी। कुछ ऐसी ट्यूबलाइट होती हैं, जिनके साथ ऐसा ही होता है। उन्होंने राहुल गांधी के डंडे मारने वाले बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं 6 महीने में सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा, जिससे की पीठ मजबूत कर सकूं।

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता सुनाई
पीएम मोदी ने कहा, एक स्वर ये उठा है कि सरकार को सारे कामों की जल्दी क्यों है? हम सारे काम एक साथ क्यों कर रहे हैं? सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ने अपनी कविता में लिखा है कि लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं।

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