पीएम मोदी ने कहा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दुनिया में सबसे ज्यादा सुनवाई हमारे SC में हुई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात हाईकोर्ट की डायमंड जुबिली समारोह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। उन्होंने कहा, हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारी हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है। हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2021 6:16 AM IST / Updated: Feb 06 2021, 11:59 AM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात हाईकोर्ट की डायमंड जुबिली समारोह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। उन्होंने कहा, हमारे संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को दी गई जिम्मेदारी हमारे संविधान के लिए प्राणवायु की तरह है। हमारी न्यायपालिका ने संविधान की प्राणवायु की सुरक्षा का दायित्व पूरी दृढ़ता से निभाया है।

पीएम मोदी की 5 बड़ी बातें

1- "हमारी न्यायपालिका ने हमेशा संविधान की रचनात्मक और सकारात्मक व्याख्या करके खुद संविधान को मजबूत किया है। हमारा जस्टिस सिस्टम ऐसा होना चाहिए जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए भी सुलभ हो, हर व्यक्ति के लिए न्याय की गारंटी हो।" 

2- "डिजिटल इंडिया मिशन आज बहुत तेज़ी से हमारे जस्टिस सिस्टम को आधुनिक बना रहा है। आज देश में 18,000 से ज़्यादा कोर्ट कम्प्यूटराइज्ड हो चुके हैं। हमारा सुप्रीम कोर्ट आज दुनिया में वीडियो कांफ्रेंस के द्वारा सबसे ज़्यादा सुनवाई करने वाला सुप्रीम कोर्ट बन गया है।"

3- "हमें गर्व है कि हमारे सुप्रीम कोर्ट ने दुनिया में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सबसे अधिक मामलों की सुनवाई की है। हमारे उच्च न्यायालयों और जिला न्यायालयों ने भी COVID के दौरान बड़ी संख्या में ई-कार्यवाही की है।"

4- "हमारी न्यायपालिका ने हमेशा इसे और मजबूत करने के लिए संविधान की सकारात्मक और रचनात्मक व्याख्या की है। यह देश के लोगों के अधिकारों की रक्षा कर रहा है। जब कोई भी स्थिति पैदा हुई, जहां राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देने की जरूरत है, न्यायपालिका ने हमेशा अपना कर्तव्य निभाया है।"

5- "भारत में आने वाले दिनों में ईज ऑफ जस्टिस और तेज़ी से बढ़े इस दिशा में सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी एनआईसी के साथ मिलकर काम कर रही है। हमारे जस्टिस सिस्टम को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए न्यायिक प्रक्रियाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है।"

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