कोरोना महामारी के बीच आज मानसून सत्र का दूसरा दिन है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को लोकसभा में एलएसी पर चीन के साथ विवाद के मुद्दे पर जवाब देंगे। पूर्वी लद्दाख में पिछले चार महीने से भारत और चीन के बीच विवाद चल रहा है। कई स्तर की बातचीत के बाद भी स्थिति जैसी की तैसी बनी हुई है।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच आज मानसून सत्र का दूसरा दिन है। लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में एलएसी पर चीन के साथ विवाद के मुद्दे पर जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, भारत और चीन सीमा मुद्दा अभी हल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, भारत इस मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहता है। राजनाथ सिंह ने कहा, मैं सभी को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि सीमा पर हम किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
इतना ही नहीं रक्षा मंत्री ने कहा, लद्दाख में हम एक चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं और हमें प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि पूरा सदन जवानों के साथ खड़ा है। चीन की पोल खोलते हुए राजनाथ सिंह ने बताया कि चीन ने एलएसी और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोला बारूद जमा किया हुआ है।
'सीमा विवाद एक जटिल मुद्दा'
राजनाथ सिंह ने कहा, दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि सीमा विवाद एक जटिल मुद्दा है। इसका समाधान शांतिपूर्ण बातचीत से ही संभव है। उन्होंने कहा, यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक भारत-चीन के बॉर्डर इलाके में कॉमनली डेलीनिएटिड एलएसी नहीं है और LAC को लेकर दोनों की धारणा अलग-अलग है। चीन सीमा पर असहमत है।
'चीन का 38,000 स्क्वायर किमी भूमि पर कब्जा'
रक्षा मंत्री ने कहा, यह सदन अवगत है चाईना, भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है। इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित बाउंडरी एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने PoK की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी थी।
'भारतीय सेना ने चीन की कोशिश नाकाम की'
राजनाथ सिंह ने कहा, दोनों देशों को यथास्थिति बनाए रखना चाहिए और शांति और सद्भाव सुनिश्चित करना चाहिए। चीन भी यही कहता है। लेकिन चीन ने 29-30 अगस्त की रात्रि में फिर से पैंगोंग में घुसने की कोशिश की लेकिन हमारे सैनिकों ने प्रयास विफल कर दिए।
उन्होंने कहा, मैंने 4 तारीख को चीन के सामने स्थिति को रखा। मैंने यह भी कहा कि हम इस मुद्दे को शांति से हल करना चाहते हैं। हमने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हम भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
रक्षा मंत्री ने बताया- क्या हुआ था गलवान में?
रक्षा मंत्री ने कहा, 6 जून को दोनों देशों के कमांडर के बीच बातचीत हुई और दोनों पक्ष सेना पीछे हटाने के लिए तैयार हुए। लेकिन 15 जून को इस सहमति का उल्लंघन करते हुए चीन ने हिंसक झड़प को अंजाम दिया। हमारे बहादुर जवानों ने अपनी जान का बलिदान देकर चीनी पक्ष को भारी क्षति पहुंचाई और अपनी सीमा की रक्षा भी की। हमारे जवानों ने जहां, संयम की जरूरत थी, वहां संयम दिखाया, जहां शौर्य की जरूरत थी, वहां शौर्य दिखाया। बहादुर जवानों की प्रशंसा की जानी चाहिए। हमारे जवान देश की सीमा की रक्षा कर रहे हैं।
पूरा देश जवानों के साथ- पीएम मोदी
पूर्वी लद्दाख में पिछले चार महीने से भारत और चीन के बीच विवाद चल रहा है। कई स्तर की बातचीत के बाद भी स्थिति जैसी की तैसी बनी हुई है। ऐसे में विपक्ष लगातार चीन विवाद पर सरकार का बयान मांग कर रही है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र शुरु होने से पहले देश के वीर जवानों को लेकर अहम टिप्पणी की। उन्होंने कहा, आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डटे हुए हैं, बड़ी हिम्मत, जज्बे, बुलंद हौंसलों के साथ दुर्गम पहाड़ियों पर डटे हुए हैं। जिस विश्वास के साथ वो खड़े हैं, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए हैं ये सदन भी एक स्वर से संदेश देगा कि सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है।
रूस में भारत और चीन की हुई बातचीत
भारत और चीनी सेना के बीच विवाद को देखते हुए रूस की राजधानी मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के इतर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी समकक्ष के साथ 2 घंटे बैठक की थी। इस दौरान भारत ने साफ शब्दों में चीन से विवादित क्षेत्र से पीछे हटने के लिए कहा था। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक में साफ कर दिया था कि भारत हर हाल में अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा। साथ ही दोनों देशों में सहमति बनी थी कि इस विवाद को बातचीत से हल करने पर जोर रहेगा।
मई से जारी है विवाद
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच मई से विवाद जारी है। 15 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अभी तक सही आंकड़ा जारी नहीं किया है।
हाल ही में 29-30 अगस्त को चीनी सैनिकों ने भारतीय इलाकों में घुसपैठ की कोशिश की थी। इसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। साथ ही भारत ने ऊंचे इलाकों पर भी बढ़त बना ली है।