तो ठंडा नहीं है चांद? Chandrayaan-3 विक्रम लैंडर की पहली फाइंडिंग कर देगी हैरान

Chandrayaan 3 Vikram Lander first observation: चंद्रयान-3 मिशन अपने रिसर्च में लग चुका है। विक्रम लैंडर ने चांद पर घूमकर डेटा भेजना शुरू कर दिया है। विक्रम की सबसे पहली फाइंडिंग, चांद के तापमान को लेकर है। डेटा हैरान करने वाला है।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 27, 2023 10:59 AM IST / Updated: Aug 27 2023, 06:07 PM IST
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चांद की सतह पर उफ्फ इतनी गर्मी...

ChaSTE यानी चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट के मुताबिक चंद्रमा के साउथ पोल की सतह से 10 सेंटीमीटर की गहराई पर तापमान 50 से 60 डिग्री सेल्सियस के बीच है। सतह पर तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस है। जबकि 80mm की गहराई में माइनस 10°C टेम्परेचर रिकॉर्ड किया गया। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे चास्टे (ChaSTE) पेलोड में दस सेंसर लगे हुए हैं। यह 10 सेंटीमीटर गहराई तक का टेंपरेचर ले सकते हैं।

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लेटेस्ट फोटोज और वीडियो भी कर रहा शेयर

चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर लगातार इसरो को अपडेटेड फोटोज और वीडियो भेज रहा है। चंद्रयान 3 ने 25 अगस्त को लेटेस्ट वीडियो कैप्चर करके भेजा। यह चंद्रमा के शिवशक्ति प्वाइंट के आसपास साउथ पोल पर घूमता हुआ दिखा।

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लैंडिंग के बाद भी रोवर के निकलने का वीडियो भेजा

गुरुवार को इसरो ने विक्रम लैंडर से रोवर के बाहर निकलने का वीडियो शेयर किया था। लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर एक चंद्र दिन तक सेट किए गए कामों को करेंगे। एक चंद्र दिन या लूनर डे का मतलब भारत के 14 दिनों के बराबर है।

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बुधवार को हुई थी सफल लैंडिंग

चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर हुई थी। बुधवार को चंद्रयान 3 की लैंडिंग कराकर भारत ने इतिहास रच दिया था। साउथ पोल पर स्पेसक्रॉफ्ट उतारने वाला पहला देश भारत बन गया है।

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चंद्रमा पर स्पेसक्रॉफ्ट उतारने वाला भारत चौथा देश

बहरहाल, चंद्रमा की सतह पर स्पेसक्रॉफ्ट उतारने वाला भारत चौथा देश बन चुका है। इसके पहले चंद्रमा पर यूएस, चीन और रूस अपने स्पेसक्रॉफ्ट्स को सफलतापूर्वक उतारे हैं।

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