महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली के एटापल्ली के जंगलों में महाराष्ट्र पुलिस की सी-60 यूनिट और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ की खबर है। इस मुठभेड़ में 13 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की बात सामने आई है। गढ़चिरौली के डीआईजी संदीप पाटिल ने इसकी पुष्टि की।
गढ़चिरौली, महाराष्ट्र. छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे गढ़चिरौली में नक्सलियों के साथ भीषण मुठभेड़ की खबर है। यह मुठभेड़ नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली के एटापल्ली के जंगलों में महाराष्ट्र पुलिस की सी-60 यूनिट और नक्सलियों के बीच चल रही है। इस मुठभेड़ में 13 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की बात सामने आई है। गढ़चिरौली के डीआईजी संदीप पाटिल ने इसकी पुष्टि की। बता दें कि इससे पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में अप्रैल में इसी तरह की मुठभेड़ हुई थी। हालांकि तब हमने अपने 22 जवानों को खो दिया था।
डीआईजी पाटिल के मुताबिक, पुलिस ने जंगल से 6 नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। बता दें कि पिछले महीने ही नक्सलियों ने एटापल्ली तालुका के गुट्टा पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंका था। हालांकि यह ग्रेनेड फेल होने से कोई हादसा नहीं हुआ था। इसके बाद पुलिस लगातार नक्सलियों की सर्चिंग कर रही थी।
लगातार हमले कर रहे नक्सली
29 मार्च को टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (TCOC) के लिए जुटे नक्सलियों के साथ गढ़चिरौली पुलिस जबर्दस्त मुठभेड़ हुई थी। इसमें मोस्ट वांटेड नक्सली रुसी राव सहित 5 नक्सली मारे गए थे। इसके विरोध में नक्सलियों ने 12 अप्रैल को गढ़चिरौली बंद का आह्वान किया था। साथ ही कई जगहों पर रोड कंस्ट्रक्शन में लगी मशीनों को आग लगा दी थी।
दरअसल, गढ़चिरौली जिले के बनने के साथ ही यहां नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थी। महाराष्ट्र पुलिस ने 1 दिसंबर, 1990 को सी-60 यूनिट की स्थापना की थी। इसका श्रेय तत्कालीन एसपी केपी रघुवंशी को जाता है। तब इसमें 60 विशेष कमांडो भर्ती किए थे। गढ़चिरौली को उत्तर विभाग और दूसरा दक्षिण विभाग में बांटकर पुलिस नक्सली गतिविधियों को रोकती है। गढ़चिरौली में सबसे बड़ा नक्सली हमला 3 मई 2019 को किया गया था। 100 से ज्यादा नक्सलियों ने घात लगाकर 15 QRT जवानों की जान ले ली थी।