सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर भारत में विवाद जारी है। हाल ही में भारत सरकार ने किसान आंदोलन को लेकर पोस्ट किए गए आपत्तिजनक ट्वीट्स को लेकर ट्विटर को चेतावनी दी थी। साथ ही विवादित ट्वीट करने वाले अकाउंट्स बंद करने के भी निर्देश दिए थे। गुरुवार को राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने सदन में सरकार से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स द्वारा भारतीय कानूनों के उल्लंघन के बारे में सवाल पूछे।
नई दिल्ली. सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर भारत में विवाद जारी है। हाल ही में भारत सरकार ने किसान आंदोलन को लेकर पोस्ट किए गए आपत्तिजनक ट्वीट्स को लेकर ट्विटर को चेतावनी दी थी। साथ ही विवादित ट्वीट करने वाले अकाउंट्स बंद करने के भी निर्देश दिए थे। गुरुवार को राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने सदन में सरकार से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स द्वारा भारतीय कानूनों के उल्लंघन के बारे में सवाल पूछे। संचार तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने इसका जवाब दिया।
राजीव चंद्रशेखर ने पूछा-
सवाल- 1 - क्या सरकार कुछ सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के कथित पूर्वाग्रह और आर्टिकल 19 के उल्लंघन के हालिया मामलों से अवगत है ?
सवाल- 2- क्या सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स भारतीय कानूनों का पालन करें, उनके एल्गोरिदम और दिशानिर्देश भारतीय कानूनों के अनुरूप हों और ये संविधान के अनुच्छेद 14 द्वारा गारंटीकृत के रूप में सभी भारतीय नागरिकों के लिए समान रूप से लागू हों ?
केंद्रीय संचार तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने जवाब में कहा,
हां...सोशल और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म के कथित पूर्वाग्रह पर मंत्रालय में मीडिया रिपोर्ट, शिकायतें और कुछ कोर्ट केस आए हैं। इंटरनेट के साथ साथ सामाजिक और डिजिटल मीडिया के प्रसार से आज कोई भी किसी कंटेंट को पोस्ट करने में सक्षम है। इसी वजह से सोशल मीडिया पर बड़ी मात्रा में डाटा मौजूद रहता है। इससे हमेशा यह संभावना रहती है कि सोशल मीडिया पर ऐसा कंटेंट आ जाता है, जो संविधान आर्टिकल 19 (2) की निर्धारित शर्तों के अनुरुप नहीं होता।
सरकार ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं और यह भी सुनिश्चित करने के लिए कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारतीय कानूनों का पालन करते हैं। सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म थर्ड पार्टी इंफोर्मेशन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 के तहत आते हैं।
सरकार सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने के लिए नियमों में कर रही संशोधन
आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत अधिसूचित सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थतों के दिशानिर्देश) नियम, 2011 में निर्दिष्ट के अनुसार उन्हें कुछ निश्चित नियमों का पालन करना जरूरी है। इसमें उनके प्लेटफॉर्म और गोपनीयता नीति के नियमों और शर्तों का प्रकाशन शामिल है।
प्लेटफॉर्म से अपेक्षा की जाती है कि वे उपयोगकर्ताओं को किसी भी तरह से हानिकारक, आपत्तिजनक और गैरकानूनी रूप से किसी भी जानकारी को होस्ट करने, प्रदर्शित करने, अपलोड करने, संशोधित करने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने, अपडेट नहीं करने या साझा करने की सूचना देंगे।
साथ ही, अधिनियम की धारा 79 के तहत अदालत के आदेश या सरकार या उसकी एजेंसी द्वारा अधिसूचित किए जाने पर, संविधान के अनुच्छेद 19 (2) से संबंधित गैरकानूनी कंटेट मध्यस्थों को हटाना होगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारतीय कानूनों के प्रति अधिक संवेदनशील और जवाबदेह बनाने के लिए इन नियमों में संशोधन किया जा रहा है। ये नियम डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को आचार संहिता का पालन करने के लिए जवाबदेह बनाएंगे।