गोरखपुर में लगी एक प्रदर्शनी के दौरान एक विकलांग मुस्लिम नौजवान के मुख से रामचरित मानस को सुनकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वहां कुछ पल ठहरने को मजबूर हो गए।
Muslim chanted Ram Charit Manas: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरा देश राममय हो चुका है। हर संप्रदाय के लोग श्रीराम और रामचरित मानस को आत्मसात कर सांप्रदायिक सद्भाव को कायम करने में लगे हुए हैं। गोरखपुर में लगी एक प्रदर्शनी के दौरान एक विकलांग मुस्लिम नौजवान के मुख से रामचरित मानस को सुनकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वहां कुछ पल ठहरने को मजबूर हो गए। आंख से देख न पाने वाले नौजवान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने जब राम चरित मानस को सुनाया तो सीएम ने उसे शाबाशी दी।
दरअसल, शनिवार को गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिव्यांगजन के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह गोरखुपर में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की तरफ से राज्य स्तरीय तीन दिवसीय दिव्य कला एवं कौशल प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने शनिवार को किया। राज्य स्तरीय दिव्य कला एवं कौशल प्रदर्शनी में एक मुस्लिम युवक के राम चरित मानस पढ़े जाने पर मुख्यमंत्री वहां ठिठक गए। वह प्रदर्शनी में लगे स्टॉल्स को देख रहे थे तभी एक स्टाल पर मुस्लिम समुदाय के आलम नाम के दृष्टिबाधित दिव्यांग ने मुख्यमंत्री को श्रीरामचरितमानस की चौपाई सुनाई। आलम से मुख्यमंत्री काफी प्रभावित हुए और उन्होंने आलम की पीठ थपथपा कर शाबाशी दी।
हर व्यक्ति ईश्वर की प्रतिमूर्ति- योगी आदित्यनाथ
दिव्यांगजन के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाले इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति में कहीं से कोई कमी रहती है तो ईश्वर उसकी प्रतिपूर्ति कर देते हैं। उपनिषदों के जरिये समाज का मार्गदर्शन करने वाले महर्षि अष्टावक्र, मध्यकाल में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का छंदीय चित्रण करने वाले महाकवि सूरदास और वर्तमान समय में जगद्गुरु रामभद्राचार्य और विख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंस इसके उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि आज इस प्रदर्शनी का उद्घाटन कर उन्हें दिव्यांगजन की प्रतिभा को और नजदीक से देखने का अवसर प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश ईश्वर के अवतरण की भूमि है। संभवतः यह देश का पहला राज्य है जहां सरकार के स्तर पर दो विश्वविद्यालय संचालित हैं। एक डॉ शकुंतला मिश्र पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ में और दूसरा जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट में। सरकार के स्तर पर अनेक ऐसे कार्य शुरू किए गए हैं जिनसे दिव्यांगजन का कल्याण हो, वे समर्थ और सशक्त बनें। उन्होंने कहा कि वे प्रायः किसी न किसी दिव्यांगजन संस्थान का भ्रमण-निरीक्षण करते रहते हैं। गत दिनों उन्होंने गोरखपुर में मूक बधिर विद्यालय का निरीक्षण किया था। उसके पहले दृष्टिबाधित विद्यालय का जायजा लिया था। इन संस्थाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने, शिक्षकों की कमी दूर करने तथा दिव्यांगजन को तकनीक से जोड़कर उन्हें और सक्षम बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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