मस्जिद में सजेगा हिंदू लड़की का मंडप, पिता की मौत के बाद हाथ पीले कराएगा मुस्लिम समुदाय

कयामकुलम अलापुज्जा जिले में स्थित चेरुवल्लि मुस्लिम जमात मस्जिद में अंजू और शारथा शशि की शादी के लिए 19 जनवरी को मस्जिद परिसर को सजाया जाएगा। केरल में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी मस्जिद में हिंदू बेटी के लिए मुस्लिम समुदाय द्वारा मंडप सजाया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 5, 2020 10:31 AM IST

कयामकुलम. देश में एक ओर जहां कई ताकतें ऐसी हैं जो हिंदू और मुस्लिम के बीच खाई पैदा करने के लिए तमाम कवायदें कर रही हैं। इन सब के बीच केरल से एक ऐसी खबर सामने आई है। जो हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच तल्खी पैदा करने वालों को शर्मसार कर देगी। दरअसल, केरल के एक मस्जिद में जल्दी ही शादी का मंडप सजेगा। जहां मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदू धर्म की गरीब लड़की के हाथ पीले करेंगे। 

19 जनवरी को होगी शादी 

कयामकुलम अलापुज्जा जिले में स्थित चेरुवल्लि मुस्लिम जमात मस्जिद में अंजू और शारथा शशि की शादी के लिए 19 जनवरी को मस्जिद परिसर को सजाया जाएगा। दरअसल, आर्थिक रूप से गरीब अंजू के परिवार वालों ने चेरुवल्लि मुस्लिम जमात मस्जिद समिति से मदद मांगी थी। जिसके बाद समिति ने अंजू और शारथा की शादी के लिए सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि वर-वधू के लिए मंडप मस्जिद में ही सजेगा। मस्जिद परिसर में ही शामियाना बनाया जाएगा और शादी में शरीक होने वाले करीब 1,000 मेहमानों को शाकाहारी भोजन भी मस्जिद में कराया जाएगा। 

दो लाख नगद और गहने देगा गिफ्ट 

कयामकुलम अलापुज्जा जिले में स्थित चेरुवल्लि मुस्लिम जमात मस्जिद समिति के सचिव नुजुमुद्दीन अलुमुत्तिल ने कहा कि ‘इस जगह पर शादियों में तोहफा देने का रिवाज है। हमलोगों ने दूल्हे को 2 लाख रुपए कैश और दुल्हन को सोने के गहने देने का फैसला किया है।’ समिति के सदस्यों के मुताबिक केरल के किसी मस्जिद में पहली बार किसी हिंदू की शादी हो रही है।

पिता का हो गया है निधन 

अंजू का परिवार इस मस्जिद के नजदीक ही एक मकान में किरायेदार के तौर पर रहता है। साल 2018 में अंजू के पिता का निधन हो गया था और तब से ही यह परिवार आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहा है। अंजू के पिता पेशे से सुनार थे और उनकी मौत कार्डियेक अरेस्ट से उस वक्त हुई थी जब वो अपने बेटे को परीक्षा केंद्र पर छोड़ कर लौट रहे थे। नुजुमुद्दीन अलुमुत्तिल जब मस्जिद के सचिव नहीं थे उस समय भी इस परिवार के लड़के की मदद उसकी पढ़ाई-लिखाई में कर रहे थे।

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