राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए न किसी दबाव में, न प्रभाव में और न ही अभाव में काम होगा : मोदी

Published : Jul 27, 2019, 09:13 PM IST
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए न किसी दबाव में, न प्रभाव में और न ही अभाव में काम होगा : मोदी

सार

मोदी ने कहा- ''गहरे समंदर से लेकर असीम अंतरिक्ष तक जहां-जहां भी भारत के सुरक्षा हितों की जरूरत होगी, भारत अपने सामर्थ्य का भरपूर उपयोग करेगा। आने वाले समय में हमारी सेना को दुनिया का आधुनिकतम साजो-सामान मिलने वाला है।'' 

नई दिल्ली। करगिल दिवस के मौके पर दिल्ली में हुए विजय दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बड़ी बात कही। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए न किसी दबाव में, न प्रभाव में और न ही अभाव में काम होगा। जल, थल, नभ हमारी सेना हर क्षेत्र में उच्चतम शिखर को प्राप्त करे और आधुनिक बने, ये हमारी कोशिश है। उन्होंने आगे कहा- ''गहरे समंदर से लेकर असीम अंतरिक्ष तक जहां-जहां भी भारत के सुरक्षा हितों की जरूरत होगी, भारत अपने सामर्थ्य का भरपूर उपयोग करेगा। आने वाले समय में हमारी सेना को दुनिया का आधुनिकतम साजो-सामान मिलने वाला है।'' 

इससे पहले उन्होंने करगिल के शहीदों की वीरता को याद करते हुए कहा- ''करगिल में विजय भारत के वीर बेटे-बेटियों के अदम्य साहस की जीत थी। भारत के संकल्पों की जीत थी। भारत के सामर्थ्य और संयम की जीत थी। प्रत्येक देशवासी की उम्मीदों और कर्तव्यपरायणता की जीत थी। मोदी ने आगे कहा- ''युद्ध सरकारें नहीं लड़तीं, युद्ध पूरा देश लड़ता है। सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन देश के लिए जो जीने और मरने की परवाह नहीं करते वो अजर-अमर होते हैं।''

भारत कभी आक्रांता नहीं रहा
मोदी ने कहा- ''भारत का इतिहास गवाह है कि हम कभी आक्रांता नहीं रहे। मानवता के हित में शांतिपूर्ण आचरण हमारे संस्कारों में है। जब मैं इजराइल जाता हूं तो वहां के नेता मुझे वो तस्वीर दिखाते हैं, जिसमें भारत के सिपाहियों ने हाइफ को मुक्त कराया।'' विश्व युद्ध में पूरी मानवता के लिए एक लाख से ज्यादा भारतीय जवानों की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता। और दुनिया ये भी नहीं भूल सकती की संयुक्त राष्ट्र पीस कीपिंग मिशन में सर्वोच्च बलिदान देने वालों की सबसे बड़ी संख्या भारतीय सैनिकों की ही है। 

अब छद्म युद्ध से लड़ने की जरूरत : मोदी
- हमारी पराक्रमी सेना परंपरागत युद्ध में पारंगत है, लेकिन आज पूरा विश्व जिस स्थिति से गुजर रहा है, उसमें स्वरूप बदल गया है। आज मानव छद्म यद्ध का शिकार है, जिसमें आतंकवाद पूरी दुनिया को चुनौती दे रहा है। 
- आज समय की मांग है कि मानवता में विश्वास रखने वाली सभी ताकतें सशस्त्र बलों के साथ खड़ी हों, तभी आतंकवाद का मुकाबला किया जा सकता है। अब लड़ाई अंतरिक्ष तक पहुंच गई है, इसलिए सेना को आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है। 
 

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