Modi Government द्वारा बैंकों के निजीकरण, श्रमिक नीतियों में बदलाव सहित कई फैसलों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन्स ने हड़ताल का आह्वान किया है। दो दिनी आंदोलन के दौरान पूरे देश में बंदी रहेगी।
नई दिल्ली। रविवार की छुट्टी के बाद अगले दिन बैंकिंग करने की सोच रहे तो सावधान हो जाएं, अगले दो दिनों तक बैंकिंग काम प्रभावित रह सकता है। केंद्र सरकार (Modi Government) की श्रम नीतियों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन में बैंकिंग सेक्टर (Banking sector) भी शामिल होने जा रहे हैं। बैंकों के अलावा रेलवे, इन्कम टैक्स, डाकघर सहित एक दर्जन से अधिक विभाग इस आंदोलन में शरीक होंगे।
दरअसल, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने श्रमिकों को प्रभावित करने वाली केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सोमवार और मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने फेसबुक पर कहा कि बैंकिंग क्षेत्र हड़ताल में शामिल होगा।
22 मार्च, 2022 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की बैठक के बाद देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया था। विभिन्न राज्यों में तैयारियों का जायजा लेने के बाद, यूनियनों ने दो दिवसीय अखिल भारतीय हड़ताल की घोषणा की। केंद्र सरकार की कामगार, किसान विरोधी, जनविरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियां के खिलाफ यह बड़ा आंदोलन होने जा रहा है।
बैंक इस वजह से हड़ताल में हो रहे शामिल
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की सरकार की योजना के साथ-साथ बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में बैंक संघ हड़ताल में भाग ले रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने एक बयान जारी कर ग्राहकों को जानकारी दी है कि 28 और 29 मार्च को बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
इन क्षेत्रों के श्रमिक भी लेंगे इस हड़ताल में भाग
हड़ताल में कोयला, इस्पात, तेल, दूरसंचार, डाक, आयकर, तांबा और बीमा जैसे विभिन्न क्षेत्रों के श्रमिकों के भाग लेने की उम्मीद है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियनें देश भर में सैकड़ों स्थानों पर हड़ताल के समर्थन में जन लामबंदी करेंगी। दो दिनों के ट्रेड यूनियन्स के हड़ताल के दौरान सामान्य सेवाएं प्रभावित रहेंगी।
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