NDA और Indian Naval Academy ने महिला कैंडिडेट्स से मांगे आवेदन, 8 अक्टूबर तक होगा आवेदन

बीते दिनों केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि NDA और INA में लड़कियों की एंट्री के लिए नीति और प्रक्रिया पर काम शुरू हो गया है। इसे जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश को केंद्र सरकार (Central government) ने महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और नेशनल नेवल अकादमी (Indian Naval Academy) में शामिल करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार के फैसले के बाद महिला कैंडीडे्टस के लिए नेशनल डिफेंस अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन खोल दिया गया है। 

इस पोर्टल पर कर सकते हैं आवेदन

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इस परीक्षा के लिए वेबसाइट upconline.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन करने के लिए अविवाहित महिला कैंडीडेट्स से आवेदन मांगा गया है। आयोग की वेबसाइट (www.upsc.gov.in) पर महिला आवेदनकर्ताओं को भी आवेदन करने की छूट संबंधी आदेश उपलब्ध है। महिला उम्मीदवारों के लिए आवेदन विंडो 24.09.2021 से 08.10.2021 (शाम 6:00 बजे तक) तक खुली रहेगी।

बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट को सरकार ने दी थी जानकारी

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि NDA और INA में लड़कियों की एंट्री के लिए नीति और प्रक्रिया पर काम शुरू हो गया है। इसे जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा। सरकार का यह जवाब सुनकर जस्टिस एके कौल की बेंच ने खुशी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सशस्त्र बलों ने खुद ही महिलाओं को NDA में शामिल करने का फैसला किया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने एफिडेविट मांगा था

इस संबंध में बेंच ने सरकार को 10 दिन में हलफनामा (affidavit) दाखिल करने का समय दिया था। इसके बाद सरकार ने महिलाओं को शामिल करने के फैसले की जानकारी कोर्ट का दी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सशस्त्र बल देश में एक बहुत ही सम्मानजनक बल हैं और उन्हें भी बलों में लैंगिक समानता (gender equality) सुनिश्चित करने के जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे उम्मीद है कि रक्षा बल महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को महत्व देंगे। सुप्रीम ने 18 अगस्त को महिलाओं को NDA के एग्जाम में बैठने देने का आदेश दिया था। अदालत ने तब इस तथ्य पर आश्चर्य जताया था कि सेना और नौसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के 2020 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद केंद्र उन्हें रोक रहा है। इस पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि महिलाएं भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) और अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) जैसे अन्य तरीकों से भी सेना में प्रवेश कर सकती हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि ऐसा NDA के जरिये क्यों नहीं हो सकता है?

लड़कियों और लड़कों की उम्र को लेकर था पेंच

इस संबंध में एडवोकेट कुश कालरा ने एक याचिका लगाई थी। इसमें कहा गया कि लड़कियों को ग्रेजुएशन के बाद ही सेना में आने की अनुमति होती है। इसकी न्यूनतम आयु भी 21 साल है। जबकि लड़के 12वीं के बाद ही NDA का एग्जाम दे सकते हैं। इससे शुरुआत से ही लड़कियों के लड़कों की तुलना में बेहतर पोस्ट पाने की उम्मीदें कम हो जाती हैं। यह समानता के अधिकार का हनन है। कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार से उसका जवाब मांगा था। इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल और हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने की।

Read this also: ऐतिहासिक फैसला: अब NDA व INA के जरिये सेना में एंट्री पाने की हकदार हुईं छोरियां, मोदी सरकार ने दी परमिशन

स्थायी कमिशन वाले फैसले का दिया तर्क

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल आए महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमिशन देने के फैसले का तर्क दिया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने महिला सैन्य अधिकारियों को पुरुषों के बराबर स्थायी कमिशन देने का अधिकार दिया था।

क्या है NDA एग्जाम

NDA एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है। यह आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में एडमिशन लेने के लिए होती है। यह एग्जाम हर साल 2 बार होता है। एग्जाम 2 फेज-लिखित और एसएसबी इंटरव्यू के जरिये होता है। हर साल करीब 4 लाख लड़के एनडीए के लिए बैठते हैं। इनमें से करीब 6000 को एसएसबी इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। अब लड़कियों को अनुमति मिलने से यह संख्या और बढ़ जाएगी। यह एक ऐतिहासिक फैसला है।

यह भी जानें

सेना में महिला अधिकारियों की भर्ती सबसे पहले 1992 में हुई थी। तब उन्हें सिर्फ शॉर्ट सर्विस कमिशन के अंतर्गत कुछ गिनी-चुनी ब्रांच में ही कार्य करने के लिए रखा जाता था। यानी वे सिर्फ लेफ्टिनेंट कर्नल की पोस्ट तक ही पहुंच सकती थीं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब महिलाएं स्थायी कमिशन की हकदार हैं।

क्या है स्थाई कमीशन?

शॉर्ट सर्विस कमीशन में महिलाएं 14 साल तक सर्विस के बाद रिटायर हो जाती हैं। लेकिन उन्हें स्थाई कमीशन मिलने के बाद महिला अफसर आगे भी अपनी सर्विस जारी रख सकेंगी और रैंक के मुताबिक ही उन्हें रिटायरमेंट मिलेगा। इसके अलावा सेना की सभी 10 स्ट्रीम- आर्मी एयर डिफेंस, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प, इंटेलीजेंस, जज, एडवोकेट जनरल और एजुकेशनल कॉर्प में महिलाओं को परमानेंट कमीशन मिल पाएगा।

 

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