देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश का हर विभाग कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो गया है। रेलवे और सेना भी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई से लेकर मेडिकल सामग्री और दवाएं पहुंचाने में लगातार जुटी हुई है। बिजनसेमैन और स्वयंसेवी संगठन अपने स्तर पर अस्पताल खोल रहे हैं या सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं।स्थानीयस्तर के अलावा दुनियाभर से भी भारत को मदद पहुंच रही है। छोटे-बड़े हर देश मित्रता निभाते हुए संकट की घड़ी में ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, दवाइयां और अन्य मेडिकल सामग्री भेज रहे हैं। जानिए देश और दुनियाभर से क्या मदद मिल रही है...
नई दिल्ली. कोरोना संकट से जूझ रहे भारत की मदद के लिए दुनियाभर के देश आगे आए हैं। स्थानीयस्तर पर भी उद्योगपतियों से लेकर स्वयंसेवी संगठन तक अपने-अपने स्तर पर अस्पतालों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। रेलवे और सेना भी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई से लेकर मेडिकल सामग्री और दवाएं पहुंचाने में लगातार जुटी हुई है। बिजनसेमैन और स्वयंसेवी संगठन अपने स्तर पर अस्पताल खोल रहे हैं या सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। स्थानीयस्तर के अलावा दुनियाभर से भी भारत को मदद पहुंच रही है। छोटे-बड़े हर देश मित्रता निभाते हुए संकट की घड़ी में ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, दवाइयां और अन्य मेडिकल सामग्री भेज रहे हैं। जानिए देश और दुनियाभर से क्या मदद मिल रही है...
ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं का अपडेट
दिल्ली: DRDO एम्स ट्रॉमा सेंटर में मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगा रहा है। पब्लिक इंटरफेस निदेशालय के एडिशनल डायरेक्टर ने कहा, ''ये एक मिनट में 1000 लीटर ऑक्सीजन जेनरेट करता है। NCR में 5 अस्पताल हैं जहां 2-3 दिन में ये लगा दिए जाएंगे। अभी एक यहां और एक RML में लगाया जा रहा है।''
सिंगापुर से मदद: सिंगापुर में भारत के हाईकमिशन ने बताया कि इंडियन नेवी का आईएनएस ऐरावत 3650 ऑक्सीजन सिलेंडर्स और 8 आईएसओ टैंक लेकर भारत के लिए रवाना हो चुका है।
गुजरात: अहमदाबाद में रेलवे और अहमदाबाद नगर निगम ने मिलकर कोविड केयर सेंटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। IAS अधिकारी दिलीप राणा ने बताया कि साबरमती में 13 कोच और चांदलोडिया में 6 कोच हैं। इनमें लगभग 300 मरीज रह सकेंगे। हम आज से मरीजों को भर्ती करना शुरू करेंगे।
दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार का दावा है कि 976 मीट्रिक टन के मुकाबले दिल्ली को अभी 433 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही है।
उत्तर प्रदेश: सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए 14 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की कमेटी गठित की है। वहीं, लखनऊ में DRDO द्वारा बनाए गए 500 बेड के अस्पताल की शुरुआत हो गई।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि ऑक्सीजन से भरे टैंकरों के साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस ग्रीन कॉरिडोर के जरिये दिल्ली मुंद्रा-गुजरात पहुंच गई है।
एयरफोर्स: IAF ने 180 खाली क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन संयंत्र, उपकरण और आवश्यक दवाएं और देश के विभिन्न अस्पतालों तक ट्रांसपोर्ट कीं।
रेलवे: रेलवे ने अब तक विभिन्न राज्यों में 103 टैंकरों में लगभग 1585 मीट्रिक टन चिकित्सा उपयोग हेतु ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। रेलवे द्वारा आज आपूर्ति की जा रही कुल 382 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में 244 टन अकेले दिल्ली में पहुंच रही है, जो आज की देशव्यापी आपूर्ति का 64 प्रतिशत है। तेलंगाना को भी दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस प्राप्त हो गई है, जिसमें अंगुल से 60.23 मीट्रिक टन की आपूर्ति की गई। बोकारो से निकली ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ में आज 79 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी। भारतीय रेलवे ने अब तक देश में कुल 1585 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की है, जिसमें 174 मीट्रिक टन महाराष्ट्र को, 492 मीट्रिक टन उत्तर प्रदेश को, 179 मीट्रिक टन मध्य प्रदेश को, 464 मीट्रिक टन दिल्ली को, 150 मीट्रिक टन हरियाणा को और 127 मीट्रिक टन तेलंगाना को की गई आपूर्ति शामिल है।
रेमडेसिविर के उत्पादन में तीन गुना वृद्धि: केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि भारत ने रेमडेसिविर की तीन गुना उत्पादन क्षमता हासिल कर ली है। 12 अप्रैल, 2021 को उत्पादन क्षमता 37 लाख थी जो चार मई, 2021 को बढ़कर 1.05 करोड़ हो गई। रेमडेसिविर का उत्पादन करने वाले संयंत्रों की संख्या भी 20 (12 अप्रैल, 2021) से बढ़कर 57 (04 मई, 2021) हो गई।
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