निर्भया के दरिंदे मुकेश की चाल फेल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राष्ट्रपति के फैसले में दखल नहीं दे सकते

निर्भया के दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी होनी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश को बड़ा झटका दिया है। जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस बोपन्ना की बेंच ने मर्सी पिटीशन खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 29, 2020 4:17 AM IST / Updated: Jan 29 2020, 12:10 PM IST

नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी होनी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश को बड़ा झटका दिया है। जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस बोपन्ना की बेंच ने मर्सी पिटीशन खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राष्ट्रपति का पद संवैधानिक है। उन्होंने सोच समझ कर फैसला लिया है। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों को लेकर फांसी पर रोक नहीं लगाई जा सकती। 

मुकेश के बाद नहीं बचा कोई कानूनी विकल्प
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब मुकेश के बाद कोई भी कानूनी विकल्प नहीं बचा है। हालांकि, जब तक सभी दोषियों के कानूनी विकल्प खत्म नहीं होते तब तक उन्हें फांसी नहीं दी जा सकती। उधर, तिहाड़ प्रशासन का कहना है कि अगर मुकेश के अलावा 3 दोषियों में कोई और दोषी शुक्रवार दोपहर तक दया याचिका लगाता है, तो फांसी टल सकती है। 

खारिज हो चुकी है मुकेश और विनय की क्यूरेटिव पिटीशन
दोषी अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। अक्षय से पहले मुकेश और विनय शर्मा क्यूरेटिव पिटीशन लगा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की याचिका पहले ही खारिज कर दी है। उधर, मुकेश की दया याचिका भी खारिज हो चुकी है। हालांकि, दया याचिका खारिज होने के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। 

सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
इससे पहले मंगलवार को मुकेश की याचिका पर सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, इस याचिका का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने कहा, यह याचिका सुनवाई लायक नहीं है। क्यों कि कोर्ट राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका रद्द करने के खिलाफ सीमित अधिकार हैं।

तिहाड़ में तैयारियां पूरीं
जेल सूत्रों का कहना है कि फांसी की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। तिहाड़ जेल में पोस्टमार्टम की व्यवस्था नहीं है। इसलिए प्रशासन ने दिल्ली सरकार को चिट्ठी लिख पोस्टमार्टम के लिए व्यवस्था कराने का आग्रह किया है। दरअसल, फांसी के बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

16 दिसंबर, 2012 को हुई थी निर्भया के साथ दरिंदगी
16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी। दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।

Share this article
click me!