फांसी की नई तारीख के लिए कोर्ट जा रहीं निर्भया की वकील, अब इस दिन हो सकती है फांसी

निर्भया के चारों दोषियों को जल्द ही मौत दी जाएगी। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि अब चारों दोषियों के पास से दया याचिका का विकल्प खत्म हो चुका है। निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि हम आज पटियाला हाई कोर्ट में एक नई अर्जी डाल रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 4, 2020 10:48 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:21 PM IST

नई दिल्ली. निर्भया के चारों दोषियों को जल्द ही मौत दी जाएगी। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि अब चारों दोषियों के पास से दया याचिका का विकल्प खत्म हो चुका है। निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि हम आज पटियाला हाई कोर्ट में एक नई अर्जी डाल रहे हैं कि फांसी के लिए नई तारीख तय की जाए। अब जो तारीख तय होगी वो फाइनल तारीख होगी, जिसमें इन चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी। अब चारों दोषी अपने सभी अधिकारों का पूरी तरह से इस्तेमाल कर चुके हैं।

मां ने किया राष्ट्रपति का धन्यवाद
2012 दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा, मैं राष्ट्रपति जी का धन्यवाद करना चाहती हूं। मुझे तसल्ली मिली कि दोषियों की आखिरी दया याचिका खारिज हुई। अभी हम नए डेथ वारंट के लिए आवेदन देंगे। उम्मीद करते हैं कि ये डेथ वारंट आखिरी होगा।

दोषियों को कब होगी फांसी?
राष्ट्रपति ने निर्भया के दोषी पवन की दया याचिका को 4 मार्च को खारिज किया। नियम के मुताबिक, पवन को दया याचिका खारिज होने से लेकर 14 दिन का वक्त दिया जाएगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट 14 दिन बाद फांसी की तारीख तय कर सकती है।

3 मार्च को फांसी क्यों नहीं हुई?
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वॉरंट जारी कर 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी की तारीख तय की थी। लेकिन दोषी पवन ने 2 मार्च को दया याचिका लगा दी। इस वजह से कोर्ट ने डेथ वॉरंट को रद्द कर दिया। इससे पहले 7 जनवरी को पहला डेथ वॉरंट जारी हुआ था, जिसके मुताबिक 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश दिया गया। इसके बाद दूसरा डेथ वॉरंट 17 जनवरी को जारी हुआ, दूसरे डेथ वॉरंट के मुताबिक,  1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देना का आदेश था। फिर 31 जनवरी को कोर्ट ने अनिश्चितकाल के लिए फांसी टाली दी। तीसरा डेथ वॉरंट 17 फरवरी को जारी हुआ। इसके मुताबिक 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी का आदेश दिया गया। 

दोषियों के पास अब भी कोई कानूनी विकल्प बचे हैं?
नहीं, चारों दोषियों के क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका के विकल्प खत्म हो चुके हैं। हां, बाकी तीन दोषियों को तरह ही दोषी पवन भी दया याचिका खारिज होने के खिलाफ कोर्ट जा सकता है। 

क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड?
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। 13वें दिन निर्भया ने सिंगापुर में दम तोड़ दिया था: बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।

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