रहम की भीख मांग रहें निर्भया के दरिंदे, फिर SC की शरण में पवन; कहा, इसलिए आप मुझे नहीं दे सकते फांसी

नया डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों में से पवन कुमार गुप्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। शुक्रवार को उसने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें उसको नाबालिग मानने से इनकार कर दिया गया था।

Asianet News Hindi | Published : Jan 18, 2020 2:20 AM IST

नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को फांसी पर लटकाने के लिए नई तारीख तय की। जिसके बाद एक गुनहगार पवन कुमार गुप्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। शुक्रवार को उसने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें उसको नाबालिग मानने से इनकार कर दिया गया था। निर्भया के दोषी पवन कुमार गुप्ता ने एडवोकेट ए. पी. सिंह के जरिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी अपील में खुद के नाबालिग होने की दलील दी है। जबकि कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करते हुए 1 फरवरी को सुबह 6 बजे का समय तय किया है। इससे पहले निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे लटकाया जाना था। लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण यह तारीख टल गई। 

क्या दी दलील?

शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर निर्भया के गुनहगार पवन कुमार गुप्ता ने कहा कि 16 दिसंबर 2012 को जब निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ, उस समय वह नाबालिग था। इतना ही नहीं, पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी अपील की कि तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश जारी किया जाए, ताकि उसको एक फरवरी को फांसी न दी जाए। इसके साथ ही पवन ने दिल्ली हाईकोर्ट के 19 दिसंबर के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें अदालत ने फर्जी दस्तावेज जमा करने और हाजिर नहीं होने के लिए उनके वकील की निंदा भी की थी। 

जारी हुआ नया डेथ वारंट 

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों को फांसी देने का नया डेथ वारंट जारी किया है। नए वारंट में निर्भया के दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन कुमार गुप्ता को एक फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने का समय तय किया है। 

अभी बचे हैं यह विकल्प 

इससे पहले  शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी निर्भया के गुनहगार मुकेश कुमार की दया याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि अभी निर्भया के तीन गुनहगारों के पास राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा हुआ है। 

इससे पहले निर्भया के दोषी अक्षय और पवन के पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने का भी विकल्प है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 14 जनवरी को दो दोषियों विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया था। 

क्या हुआ था 16 दिसंबर को? 

16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को झंकझोर कर रख दिया था। 23 वर्षीय निर्भया के साथ चलती बस में गैंगरेप किया गया था और उसकी बुरी तरफ पिटाई की थी। दरिंदगी की हदों को पार करते हुए दोषियों ने निर्भया के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाल दी थी। जिससे उसकी आंत बूरी तरह से जख्मी हो गई बाद में अस्पताल में निर्भया की मौत हो गई थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक नाबालिग था। नाबालिग को किशोर अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जबकि राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। इसके अलावा बाकी 4 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। 

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