वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने कहा, इस किस्त में प्रवासी मजदूरों, सड़क पर दुकान लगाकर गुजर बसर करने वाले दुकानदारों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार और छोटे किसानों के लिए ऐलान हैं।
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने कहा, इस किस्त में प्रवासी मजदूरों, सड़क के किनारे स्टॉल या रेहड़ी लगाने वालों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार और छोटे किसानों के लिए ऐलान हैं। पहली किस्त में उन्होंने करीब 6 लाख करोड़ रुपए की योजनाओं का ऐलान किया। दूसरी किस्त में 9 बड़े ऐलान किए गए।
वित्त राज्य मंत्री ने अनुराग ठाकुर ने कहा, कल एमएसएमई के लिए ऐलान किए गए। इससे भी गरीब लोगों को फायदा मिलेगा। आज हम प्रवासी मजदूरों, सड़क के किनारे स्टॉल या रेहड़ी लगाने वालों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार और छोटे किसानों के लिए ऐलान करने जा रहे हैें।
वित्त मंत्री ने कहा- सरकार लॉकडाउन में भी लगातार काम कर रही है। अब तक 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं, 3 करोड़ किसानों तक मदद पहुंचाई गई है। कोरोना के समय में 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए, यह राशि 86,600 करोड़ रुपये है। इसके अलावा पैकेज के तहत छोटे किसानों को बड़ी राहत दी गई है। उन्हें दिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज में छूट की स्कीम 31 मई तक बढ़ा दी गई है।
नाबार्ड को किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपए
किसानों के लिए 30,000 एडिशनल इमर्जेंसी वर्किंग कैपिटल फंड स्थापित कर रहे हैं, यह नाबार्ड के जरिए होगा। इससे करीब 3 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को 2 लाख करोड़ का लोन
किसान किसान क्रेडिट कार्ड का विस्तार किया जाएगा। इसके जरिए किसानों को रियायती दरों पर 2 लाख करोड़ का लोन दिया जाएगा। इस योजना में मछली पालक और पशुपालक किसान भी शामिल होंगे।
इस योजना से 2.5 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। इससे बाजार में 2 लाख करोड़ का क्रेडिट फ्लो आएगा।
प्रवासी मजदूर और शहरी गरीब चर्चा का विषय बना हुआ है। इस वक्त हमने बहुत तेजी से मदद की है। हमने राज्यों को आपदा राहत का इस्तेमाल करने की अनुमति दी। इसके जरिए 11,000 करोड़ रुपये की मदद की गई है। सेल्टर होम में तीन समय के भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा इस आपदा के वक्त 12000 सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने 3 करोड़ मास्क बनाए हैं। 1.20 लाख लीटर सैनिटाइजर बना गया है। इससे भी ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार मिला है।
- गुजरात में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पैसा पोर्टल शुरू किया गया था। अब इसे पूरे देश में शुरू किया जा रहा है। 15 मार्च के बाद ग्रामीण इलाकों में करीब 7200 नए सेल्फ ग्रुप बनाए गए हैं।
जहां मजदूर जा रहे, वहीं काम मिले
- 13 मई तक मनरेगा के तहत 14.62 करोड़ लोगों को काम दिया गया। इसके माध्यम से करीब 10 हजार करोड़ रुपए की मदद की गई है। पिछले साल की तुलना में इस बार इसमें 40-50% नए लोग जोड़े गए हैं। मनरेगा के तहत रोजाना औसत मजदूरी 182 से बढ़ाकर 202 रुपए की गई है। इसके अलावा राज्यों को भी सलाह दी गई है कि वे मजदूरों को काम दें। मानसून में भी मनरेगा मजदूरों से काम लिया जाएगा।
महिला कर्मचारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी होगी
- इसके अलावा महिलाओं के लिए रात की शिफ्ट में काम करने पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन जारी की जाएंगी।
- सभी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र मिलेंगे। न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव खत्म करेंगे, मजदूरों का सालाना हेल्थ चेकअप होगा।
मजदूरों को अगले दो महीने फ्री राशन
- अगले 2 महीने तक सभी मजदूरों को अनाज मिलेगा। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें 5 किलो चावल या गेहूं, 1 किलो चना दो महीने तक मिलेगा। इससे 8 करोड़ मजदूरों को मदद मिलेगी। इसपर सरकार 2500 करोड़ खर्च करेगी। केंद्र सरकार इस योजना के लिए खर्च करेगी और राज्यों की जिम्मेदारी राशन वितरण की होगी।
- मजदूरों को दूसरे शहर में कम किराए पर मकान दिलाने के लिए नई योजना लाई जाएगी।
वन नेशन वन राशन कार्ड लाएगी जाएगी
- वन नेशन वन राशन कार्ड' की योजना हम लाने वाले हैं। इसके लिए मार्च 2021 तक लक्ष्य रखा गया है। इससे किसी भी राज्य में मजदूरों को राशन मिल सकेगा। इससे करीब 67 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा।
मजदूरों को किराए पर सस्ते मकान दिलाएगी सरकार
- मजदूरों को दूसरे राज्य या शहर में कम किराए पर मकान दिलाने के लिए नई योजना लाई जाएगी। इसके तहत शहरों में सरकार के फंड से एफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे।
मुद्रा शिशु लोन में ब्याज में राहत
मुद्रा शिशु लोन के दायरे में जो आते हैं, उन्हें ब्याज से राहत दी जाएगी। मुद्रा शिशु लोन लेने वालों को ब्याज में 2 फीसदी की छूट दी जाएगी, इसके लिए सरकार ने 1,500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सड़क के किनारे स्टॉल या रेहड़ी लगाने वालों के लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं। इससे करीब 50 लाख रेहड़ी लगाने वालों को फायदा होगा। इन्हें 1 महीने के भीतर 10 हजार रुपए का लोन दिया जाएगा। इन दुकानदारों को डिजिटल पेमेंट करना होगा। इससे इन्हें रिवार्ड भी मिलेगा।
हाउसिंग सेक्टर के लिए 70 हजार करोड़
- सरकार क्रेडिट लिंक बेस्ड सब्सिडी स्कीम (एमआईजी) को मार्च 2021 तक बढ़ा रही है। इससे मिडिल क्लास (जिनकी सालाना आय 6 लाख से 18 लाख तक है) के 2.50 लाख लोगों को फायदा होगा। रोजगार भी पैदा होगा। इससे स्टील, सीमेंट और अन्य उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी।
- ट्रायबल और आदिवासियों को रोजगार मिले। इसके लिए सरकार 6000 करोड़ रुपए जारी होंगे। इस फंड का इस्तेमाल राज्य सरकार ग्रामीण इलाकों में पौधारोपण, फोरेस्ट मैनेजमेंट, वाइल्ड लाइफ संबंधित निर्माण में इस्तेमाल कर सकती है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा होगा।
- MSME सेक्टर के लिए बड़े ऐलान
MSME सेक्टर को 3 लाख करोड़ का कोलैट्रल फ्री लोन दिया जाएगा। इसमें कोई गारंटी नहीं देनी होगी। यह चार साल के लिए रहेगा। यह लाभ उन उद्योगा को मिलेगा, जिनका बकाया लोन 25 करोड़ रुपए से कम हो और टर्नओवर भी 100 करोड़ से ज्यादा ना हो। इससे 45 लाख एमएसएमई को फायदा होगा।
- इसके अलावा संकट में फंसे 2 लाख एमएसएमई को कर्ज के लिए 20,000 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे।
- एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ रुपए
वित्त मंत्री ने कहा, 30,000 करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम लॉन्च की जा रही है। एनबीएफसी के साथ हाउसिंग फाइनेंस और माइक्रो फाइनेंस को भी इसी रकम में जोड़ा गया है। इनकी गारंटी भी सरकार देगी। इसके अलावा एनबीएफसी को 45,000 करोड़ रुपए की आंशिक क्रेडिट गारंटी एनबीएफसी को दी जाएगी।
- नौकरी पेशा लोगों के लिए बड़े ऐलान
- वित्त मंत्री ने बताया, पिछले गरीब कल्याण पैकेज के दौरान तीन महीने तक सरकार ने कर्मचारी और कंपनी की ओर से ईपीएफ जमा करने का फैसला किया था। अब इसे 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके लिए सरकार 2500 करोड़ रुपए जारी करेगी। इसका लाभ 3.67 लाख कंपनियों और 72 लाख कर्मचारियों को होगा। यह लाभ 15,000 से कम वेतन पाने वाले लोगों को होगा।
4.3 करोड़ कर्मचारियों को हाथ में मिलेगी अब ज्यादा सैलरी
- नौकरी करने वाले कर्मचारियों के हाथ में मिलने वाली सैलरी बढ़ सके, इसके लिए सरकार पीएफ कंट्रीब्यूशन को 12% से घटाकर 10% करने जा रही है। यह तीन महीने के लिए होगा। यह उन कर्मचारियों के लिए रहेगी, जो गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत नहीं आए हैं। इससे करीब 4.3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा। इससे कर्मचारियों और कंपनियों को 6750 करोड़ अतिरिक्त रुपए मिलेंगे।
- बिजली कंपनियों के लिए
राहत पैकेज में बिजली वितरण कंपनियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा, बिजली वितरण कंपनियों की आय में कमी आई है। ये पैसा सरकारी कंपनियों पीएफसी, आरईसी के माध्यम से दिए जाएंगे।
ठेकेदारों को बड़ी राहत
- सभी केंद्रीय एजेंसियों के ठेकेदारों के कॉन्ट्रैक्ट 6 महीने बिना किसी लागत के बढ़ा दिए गए हैं। इससे उन्हें निर्माण और माल और सेवाओं के अनुबंधों को पूरा करने के लिए समय मिलेगा।
टीडीएस-टीसीएस में कटौती
इसके अलावा लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए टीडीएस की दरों में 25% की कमी की जाएगी। इससे करीब 55 हजार करोड़ की लिक्विडिटी बढ़ेगी। यह सभी पेमेंट पर लागू होगा, चाहे वह कमीशन हो या ब्रोकरेज हो या अन्य पेमेंट। यह 13 मई से मार्च 2021 तक लागू रहेगी।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ी: वित्त मंत्री ने टैक्स जमा करने के मामले में बढ़ी राहत दी है। अब 2019-20 के इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने की तारीख 30 नवंबर तक हो गई है। इससे पहले यह 31 जुलाई फिर 31 अक्टूबर की गई थी।
पीएम मोदी ने किया था ऐलान
सीतारमण 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से जुड़ी सभी डिटेल देश को बताएंगी। इस आर्थिक पैकेज का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए किया था। कोरोना महामारी से जूझ रहा देश लॉकडाउन के 50 दिनों से जिस राहत के मरहम का इंतजार था। उसका ऐलान पीएम ने कर दिया। कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई और देश को फिर से खड़ा करने के लिए मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है।
जीडीपी का 10% राहत पैकेज
20 लाख करोड़ का राहत पैकेज देश की जीडीपी का करीब 10% है। ये 2020-21 के स्वीकृत बजट यानि 30 लाख करोड़ से करीब 10 लाख करोड़ कम है। प्रधानमंत्री ने साफ किया इस आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, श्रमिकों, किसानों और मध्यम वर्ग को फायदा मिलेगा. इसके साथ ही भारतीय उद्योग जगत को भी नई ताकत देगा।