कोचिंग कैपिटल कोटा में क्यों सुसाइड कर रहे स्टूडेंट्स, बच्चों को टेंशन फ्री करने अब ये तरीके अपनाए जा रहे हैं

इंजीनियरिंग-मेडिकल आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के हब कोटा में तनाव के चलते स्टूडेंट्स की सुसाइड ने सबको हिलाकर रख दिया है। अब इस मामले को लेकर कोचिंग इंस्टीट्यूट्स भी अलर्ट हैं। वे ऐसी कोशिशें और सेटअप तैयार करने में लगे हैं, ताकि स्टूडेंट्स का मनोबल न टूटे।

कोटा (Kota, Rajasthan). इंजीनियरिंग-मेडिकल आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के हब कोटा में तनाव के चलते स्टूडेंट्स की सुसाइड ने सबको हिलाकर रख दिया है। अब इस मामले को लेकर कोचिंग इंस्टीट्यूट्स भी अलर्ट हैं। वे ऐसी कोशिशें और सेटअप तैयार करने में लगे हैं, ताकि स्टूडेंट्स का मनोबल न टूटे। योगा सेशनऔर जुंबा क्लासेस से लेकर 24X7 हेल्पलाइन और मेंटल वेलनेस वर्कशॉप्स तक कैम्पस में काउंसलर्स की एक डेडिकेटेड टीम कोटा में एक्टिव है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...


1. कोटा के कोचिंग संस्थानों का कहना है कि वे छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के तनाव और चिंता से बाहर निकालने में मदद करने के लिए कई उपाय कर रहे हैं।

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2. कोटा का कोचिंग हब पिछले हफ्ते तीन छात्रों की कथित तौर पर आत्महत्या से मौत के बाद सुर्खियों में है।

3. एक प्रमुख कोचिंग संस्थान एलन-Allen, जिसके विभिन्न मेडिकल (एनईईटी) और इंजीनियरिंग (जेईई) प्रवेश तैयारी पाठ्यक्रमों में वर्तमान में 1.5 लाख से अधिक छात्र हैं के मुताबिक, वो तुम होंगे कामयाब  (you will succeed)  और विंग्स ऑफ विजडम जैसे विशेष कार्यक्रम चला रही है। यह संस्थान अपने छात्रों की मानसिक भलाई के लिए नियमित योग सत्र और ज़ुम्बा क्लासेज भी ले रही है।

4.एलन में प्रिंसिपल काउंसलर और स्टूडेंट बिहेवियर एक्सपर्ट डॉ. हरीश शर्मा ने कहा, "हमारे पास एक डेडिकेटेड हेल्पलाइन है, जो चौबीसों घंटे काम करती है। इसके माध्यम से छात्रों या अभिभावकों के 50 से अधिक संबंधित कॉल प्रतिदिन अटेंड किए जाते हैं।"

5. एलन के मुताबिक उसके पास प्रत्येक 10 छात्रों के लिए एक पर्यवेक्षक छात्र है, जिसे 'बडी-buddy' कहा जाता है। बडी का काम अपने ग्रुप की मेंटल हेल्थ की जांच करना है। वे यह रिपोर्ट अपने टीचर्स को सौंपते हैं कि क्या कोई सिम्पटम्स या साइन हैं, जैसे कोई कुछ दिनों से ठीक से नहीं खा रहा है, कमरे से बाहर नहीं आ रहा है या क्लासेज में भाग नहीं ले रहा है या अपने माता-पिता से बात नहीं कर रहे है?

6. स्टूडेंट बिहेवियर एक्सपर्ट डॉ. हरीश शर्मा ने कहा,"हालांकि, कुछ मामलों में जहां हमें पता चलता है कि केवल परामर्श से मदद नहीं मिलेगी और बच्चे को उचित मनोरोग उपचार( psychiatry treatment) की आवश्यकता है, हम माता-पिता को सूचित करते हैं कि वे कुछ समय के लिए बच्चे को अपने साथ ले जाएं और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर काम करें।"

7.कोचिंग इंस्टीट्यूट माता-पिता के लिए भी काउंसलिंग सेशन आयोजित करता है, ताकि उन्हें इस बारे में सेंसेटिव बनाया जा सके कि वे अपने बच्चे के साथ कैसे संपर्क में रहें, लेकिन उन पर कोई दबाव न बनाएं। यदि माता-पिता अपने बच्चों के संपर्क में नहीं रहते हैं, तो यह स्पष्ट है कि वे उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं देखेंगे। यह नहीं जान पाएंगे कि उनके बच्चे को कब मदद की ज़रूरत है।

8.आमतौर पर, छात्रों के लिए दिन की शुरुआत सुबह 5.30 बजे से होती है और उनकी पहली कक्षा सुबह 7 बजे होती है। कोचिंग संस्थानों ने माता-पिता को यह बताने के लिए एक सिस्टम डेवलप किया है कि उनके बच्चे क्लास में आ रहे हैं या नहीं।

9. साथ ही जैसे ही स्टूडेंट्स अपने हॉस्टल से बाहर निकलते हैं, उन्हें बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम का उपयोग करके बाहर निकलना होता है। यह ऑटोमेटिकली उनके माता-पिता को एक मैसेज भेजता है कि बच्चा हॉस्टल से बाहर चला गया है। जब बच्चा कोचिंग संस्थान में प्रवेश करता है, तब भी माता-पिता को इसी तरह का मैसेज पहुंचता है।

10.एक अन्य प्रमुख कोचिंग इंस्टीट्यूट रेजोनेंस में प्रत्येक छात्र के पास कोचिंग विजिट के जरिये से एकेडमिक और नॉन-एकेडमिक मुद्दों से निपटने में उसकी मदद करने के लिए एक संरक्षक(mentor) होता है।

11. रेजोनेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर और एकेडमिक हेड आरके अग्रवाल ने कहा, "हम छात्रों को न केवल उनकी अकादमिक चिंताओं बल्कि गैर-शैक्षणिक मुद्दों पर भी चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जो तनाव या चिंता पैदा कर रहे हैं। योग सत्र और एकाग्रता अभ्यास(concentration exercises) भी उन गतिविधियों में शामिल हैं, जिन्हें छात्रों के बीच प्रोत्साहित किया जाता है।" 

12.पुलिस और जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक, इस साल शहर के कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कम से कम 14 छात्रों ने आत्महत्या कर ली। 2021 में जब यहां के कोचिंग सेंटर COVID-19 महामारी के कारण बंद थे और छात्रों ने अपने घरों से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लिया था, तब किसी भी छात्र की आत्महत्या की सूचना नहीं मिली थी। 2019 में यह संख्या 18 और 2020 में 20 थी।

13.पिछले सप्ताह आत्महत्या करने वाले तीन छात्रों में से, एनईईटी के उम्मीदवार अंकुश आनंद (18) और जेईई के उम्मीदवार उज्ज्वल कुमार (17) - दोनों बिहार से थे। पुलिस के अनुसार 12 दिसंबर को वे अपने पेइंग गेस्ट (पीजी) में अपने-अपने कमरे में छत के पंखे से लटके पाए गए थे। तीसरे छात्र, प्रणव वर्मा (17), मध्य प्रदेश के एक एनईईटी उम्मीदवार ने 11 दिसंबर को अपने हॉस्टल में कथित तौर पर एक जहरीले पदार्थ का सेवन किया था।

14. चालू वर्ष में कोटा में विभिन्न कोचिंग संस्थानों में रिकॉर्ड 2 लाख छात्र नामांकित और अध्ययन कर रहे हैं।कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने कहा कि छात्रों को तनाव और चिंता से निपटने में मदद करने के लिए हॉस्टल में भी इसी तरह के उपाय किए जा रहे हैं।

15. कोचिंग कैपिटल कहे जाने वाले कोटा में IIT और मेडिकल जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स में काम्पटीशन के चलते तनाव पैदा हो जाता है। घर से दूर रहने से भी उन्हें सपोर्ट नहीं मिल पाता है।

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