अबकी बार प्याज की कीमत हुई 150 के पार, जल्द राहत मिलने के आसार नहीं, करना होगा लंबा इंतजार

देश भर के प्रमुख शहरों में प्याज 80 से 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। हद्द तो तब हो गई कि हैदरबाद और कोलकाता में तो एक प्याज की 150 रुपए तक पहुंच गई है। हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि प्याज कीमत जल्द काबू में होंगी।
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 5, 2019 4:10 AM IST

नई दिल्ली. देश में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। महंगे प्याज से आम लोगों की रसोई का जायका तो बिगड़ ही रहा है, जेब भी ढीली हो रही है। इन सब के बीच देश भर के प्रमुख शहरों में प्याज 80 से 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। हद्द तो तब हो गई कि हैदरबाद और कोलकाता में तो एक प्याज की 150 रुपए तक पहुंच गई है। हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि प्याज कीमत जल्द काबू में होंगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने कहा है कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई तरह के कदम उठाए हैं।

150 रुपये/किलो पहुंचा प्याज 

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में प्याज की कीमत करीब 150 रुपये प्रति किलो हो चुकी है। इससे निपटने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने मिस्र से 800 टन प्याज के आयात के लिए नेफेड को आदेश दिया है। राज्य सरकार ने कहा है कि उसे यह खेप दिसंबर अंत तक मिल जानी चाहिए ताकि राज्य में प्याज की उचित दाम पर आपूर्ति की जा सके। राज्य सरकार ने प्याज की तंगी की स्थिति के लिए केन्द्र पर दोष मढ़ा है।

हैदराबाद भी पीछे नहीं 

देश के प्रमुख शहरों में शुमार हैदराबाद में भी प्याज की कीमत ने अपना असली रंग दिखाया है। जिसमें हैदराबाद में भी प्याज की कीमत 150 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुकी है। इसके साथ ही अनुमान जताया जा रहा कि देश के कई शहरों में भी प्याज की कीमत बढ़ सकती है। जिससे आम लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। 

खामियों को दूर करने के लिए उठा रहे कदम

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठा रही है। जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपाय भी शामिल हैं। वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा, 'प्याज के भंडारण से कुछ ढांचागत मुद्दे जुड़े हैं और सरकार इसका निपटारा करने के लिए कदम उठा रही है।'

जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक सीमा तय
केंद्र सरकार ने जमाखोरी रोकने के प्रयास में 3 दिसंबर को खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं के लिए प्याज की स्टॉक सीमा घटाकर क्रमशः 5 टन और 25 टन कर दी। हालांकि, आयातित प्याज पर यह स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी। इसके अलावा सरकार आयात के जरिए कीमतों तो काबू करने में जुटी है। सरकार प्याज के आयात को लेकर कीटनाशक धूम्रीकरण मामले में मानदंड में जो ढील 30 नवंबर तक दी थी, उसे बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर चुकी है।

1.2 लाख टन प्याज के आयात को मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने घरेलू आपूर्ति में सुधार और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 1.2 लाख टन प्याज के आयात को मंजूरी दी है। सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पहले ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। प्याज का आयात तुर्की और मिस्र जैसे देशों से किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी ने तुर्की से 4,000 टन प्याज आयात का एक और ऑर्डर दिया है। आयात की यह खेप जनवरी मध्य तक पहुंचने की उम्मीद है। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी। 4,000 टन का यह ताजा ऑर्डर 17,090 टन प्याज आयात के लिए पहले किए गए अनुबंध से अलग है जिसमें मिस्र से 6,090 टन और तुर्की से 11,000 टन प्याज का आयात करना शामिल है।

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