
Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) का मास्टरमाइंड सुलैमान शाह उर्फ हाशिम मूसा (Suleiman Shah alias Hashim Musa) को एक सुनियोजित ऑपरेशन में ढेर कर दिया है। इस मिशन को 'ऑपरेशन महादेव' नाम दिया गया था। पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों ने सुलैमान शाह को पकड़ने के लिए हाईलेवल पर तैयारियां कर ऑपरेशन को अंजाम दिया। पूरे 14 दिनों की प्लानिंग के बाद आखिरकार देश के जांबाजों ने निर्दोष नागरिकों की हत्या का बदला ले ही लिया।
सुलैमान शाह पाकिस्तान आर्मी की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व कमांडो रहा है लेकिन बाद में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़ गया। लश्कर से जुड़ने के बाद सुलैमान शाह लगातार जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने लग गया।
सुरक्षा एजेंसियों को जुलाई की शुरुआत में एक संदिग्ध चाइनीज अल्ट्रा रेडियो कम्युनिकेशन की जानकारी मिली जिसे WY SMS भी कहा जाता है और जिसका इस्तेमाल लश्कर जैसे आतंकी संगठन एन्क्रिप्टेड संदेशों के लिए करते हैं।
इसके बाद सेना और एजेंसियों ने महादेव पीक (Mahadev Peak) के पास डाचीगाम के जंगलों (Dachigam Forests) में निगरानी बढ़ा दी। 14 दिनों तक फिजिकल और इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों की लोकेशन की पुष्टि की और हरवान के मुलनार इलाके में ऑपरेशन को अंजाम दिया।
इस एनकाउंटर में तीन विदेशी आतंकी मारे गए जिनमें सभी को हाई-वैल्यू टारगेट के तौर पर चिन्हित किया गया था। मौके से AK-47, कार्बाइन, 17 राइफल ग्रेनेड्स समेत भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं।
पहलगाम के बाद आतंकियों ने घने जंगलों में अपना ठिकाना बना रखा था। सामने आए विजुअल में देखा जा सकता है कि आतंकियों का अड्डा घने जंगलों में बना हुआ था, जहां भारी मात्रा में हथियार छिपा रखे थे। बताया जा रहा है कि एक बार फिर ये आतंकी जम्मू-कश्मीर में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे।
22 अप्रैल को बाइसारन (Baisaran) में हुए हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर टूरिस्ट थे। इसके पीछे जिस मास्टरमाइंड का नाम सामने आया वह सुलैमान शाह था, जो अब सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में मारा जा चुका है।