क्या है Hammer बम और SCALP मिसाइल? 9 आतंकी ठिकानों को किया तबाह

Published : May 07, 2025, 06:00 AM ISTUpdated : May 07, 2025, 06:51 AM IST
Rafale Photo

सार

India Strikes: भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। राफेल विमानों ने SCALP मिसाइल और हैमर बम से तबाही मचाई। क्या यह पहलगाम हमले का बदला है?

Operation Sindoor: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया है। पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया गया है। इंडियन एयर फोर्स, इंडियन आर्मी और इंडियन नेवी ने संयुक्त हमला किया।

भारतीय वायुसेना ने हमला करने के लिए राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। इन विमानों ने SCALP क्रूज मिसाइलों और हैमर बमों से आतंकियों के अड्डों को मिट्टी में मिला दिया। हमला भारतीय हवाई क्षेत्र में रहकर किया गया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी धरती पर आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए विशेष गोला-बारूद का इस्तेमाल किया गया। किसी भारतीय विमान को नुकसान नहीं हुआ है। बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, भिम्बर, चक अमरू, बाग, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद में 9 स्थानों को निशाना बनाया गया। हमले का मुख्य उद्देश्य बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकवादी नेताओं को खत्म करना था।

क्यों खास हैं SCALP मिसाइल?

स्कैल्प लंबी दूरी तक हवा से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल है। इसका रेंज 400km तक है। 1300kg का यह मिसाइल अपने साथ 400 kg विस्फोटक ले जाता है। 5.1 मीटर लंबे और 630 मिमी मोटे इस मिसाइल में माइक्रोटर्बो TRI-60-30 इंजन लगा है।

मिसाइल अचूक वार करे इसके लिए इसमें ट्रिपल नेविगेशन सिस्टम लगा है। इसे इनर्शियल नेविगेशन, GPS और टेरेन रेफरेंस नेविगेशन से गाइड किया जाता है। इमेजिंग इंफ्रारेड सीकर और खुद ही टारगेट की पहचान करने की क्षमता इसे बेहद खास बनाती है। इस मिसाइल को जैमर की मदद से चकमा देना बेहद मुश्किल है।

क्यों खास हैं Hammer बम?

हैमर हवा से जमीन पर मार करने वाला हथियार है। यह गाइडेड बम है। इस तरह के बम को लड़ाकू विमान की मदद के दागा जाता है। लॉन्च किए जाने के बाद बम अपने विंग की मदद से ग्लाइड करता हुआ टारगेट तक पहुंचता है। इसका रेंज 70km से अधिक है। हैमर बम के कई वर्जन हैं। इसका वजन 125kg से 1000kg तक हो सकता है। टारगेट तक पहुंचने के लिए से INS, GPS, IR या लेजर से गाइडेंस मिलता है। इसे जैमर की मदद से रोक पाना बेहद मुश्किल है।

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