सरकार के खिलाफ विपक्ष, संसद में संविधान दिवस पर राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का ऐलान

26 नवंबर को संविधान दिवस पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण का विपक्ष ने बहिष्कार करने का फैसला किया है। शिवसेना ने खुलकर इसका ऐलान भी कर दिया है। महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम पर संसद परिसर के भीतर संयुक्त प्रदर्शन करने की योजना है।  

Asianet News Hindi | Published : Nov 26, 2019 3:23 AM IST / Updated: Nov 26 2019, 09:48 AM IST

नई दिल्ली. महाराष्ट्र में छिड़े सियासी संग्राम के बीच विरोध का सिलसिला बढ़ा ही जा रहा है। अब विपक्षी दलों ने मंगलवार 26 नवंबर को संविधान दिवस पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। शिवसेना ने खुलकर इसका ऐलान भी कर दिया है।  

कांग्रेस समेत ये दल करेंगे बहिष्कार 

कांग्रेस, वाम दल, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, राजद, तेदेपा और द्रमुक द्वारा महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम तथा देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के खिलाफ संसद परिसर के भीतर आंबेडकर प्रतिमा के पास संयुक्त प्रदर्शन करने की योजना है। 

बैठक में होगा अंतिम फैसला

उन्होंने बताया कि विपक्षी दल सुबह में संयुक्त बैठक भी करेंगे और संविधान दिवस समारोह के बहिष्कार पर अंतिम फैसला करेंगे। इसका मकसद महाराष्ट्र में सियासी घमासान के मद्देनजर विपक्ष की एकजुटता दिखाना है। भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना के भी विरोध में हिस्सा लेने की संभावना है। शिवसेना के नेता अनिल देसाई, अरविंद सावंत और कुछ अन्य नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की और कांग्रेस द्वारा आहूत विरोध को अपना समर्थन दिया।

संविधान अंगीकार करने के हुए 70 साल

सरकार संविधान सभा द्वारा संविधान अंगीकार करने के 70 साल होने के उपलक्ष्य में संसद के केंद्रीय कक्ष में मंगलवार को संविधान दिवस मनाने वाली है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसदों को संबोधित करेंगे।

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