Budget Session:विपक्ष ने मांगा LIC, SBI आदि में लगे पब्लिक के पैसों का हिसाब-किताब, अडानी मामले की जांच JPC से कराई जाए

बजट सत्र के दौरान मोदी सरकार को घेरने के मकसद से संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए विपक्षी दलों ने गुरुवार सुबह संसद परिसर में बैठक की। समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेता राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में मिले।

नई दिल्ली. बजट सत्र(Budget session) के दौरान मोदी सरकार को घेरने के मकसद से संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए विपक्षी दलों ने गुरुवार सुबह संसद परिसर में बैठक की। सूत्रों ने कहा कि समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेता राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में मिले। यहां उन्होंने 31 जनवरी से शुरू हुए सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की। संसद के दोनों सदनों, राज्यसभा और लोकसभा में बजट पर चर्चा होगी। बैठक में अडानी के मुद्दे पर विपक्ष की 13 पार्टियों ने चर्चा करने की मांग उठाई है। बैठक में कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, जेडीयू, शिवसेना, एनसीपी और अन्य पार्टियों ने सहमति दिखाई। विपक्ष हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा और इसकी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) से जांच की मांग कर रहा है।

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इससे पहले खड़गे ने कहा था कि समान विचारधारा वाले दल सार्वजनिक महत्व के मुद्दों को एकजुट होकर सत्र के दौरान बेहतर समन्वय सुनिश्चित करेंगे। विपक्षी दल अडानी मुद्दे, सीमा पर चीनी अतिक्रमण और राज्यों में राज्यपालों की भूमिका को उठाने की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस ने उठाया मुद्दा-कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा-LIC, SBI सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जो लोगों का पैसा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए। हमने तय किया कि सदन में इस पर चर्चा करेंगे कि जिनका पैसा LIC में है या अन्य संस्थानों में है वो कैसे बर्बाद हो रहा है। लोगों का पैसा चंद कंपनियों को दिया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने से कंपनी के शेयर्स गिर गए हैं। सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है कि आर्थिक दृष्टि से देश में जो घटनाएं हो रही हैं उसे सदन में उठाना है, इसलिए हमने एक नोटिस दिया था। हम इस नोटिस पर चर्चा चाहते थे, लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है।

राज्यसभा में विपक्ष के तमाम सांसदों ने अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। हालांकि सभापति ने नोटिस नियमों के हिसाब से नहीं होने का हवाला देकर उन्हें ठुकरा दिया। इस पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया। लिहाजा दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर पहुंचकर सरकार की रणनीति पर चर्चा की। बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, अनुराग ठाकुर, निर्मला सीतारमण, प्रल्हाद जोशी, पीयूष गोयल, नितिन गडकरी, किरेन रिजिजू मौजूद थे।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा-चर्चा तो किसी भी विषय पर कर सकते हैं। बजट के बारे में, राष्ट्रपति अभिभाषण के बारे में जो भी रचनात्मक सुझाव हैं वो दिए जाने चाहिए। संसदीय परंपरा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव में किसी भी विषय पर अपना तर्क रख सकते हैं।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा-ये दान और दानी का स्वरूप जो सरकार दिखा रही है, उसे समझना चाहिए कि हम हिंदुस्तान के नागरिक हैं प्रजा नहीं। जो चवन्नी सरकार देती है उसमें भी ढिंढोरा पीटती है। सरकार का फर्ज होता है कि आम लोगों को सुविधा मुहैया करवाना, लेकिन ये सरकार जेबकटुआ सरकार बन गई है हमारे जेब से 1000 लेकर हमें 200 देती है। ऐसा दिखाती है जैसे हम पर दान किया जा रहा है जबकि ये हमारा हक है।

सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि विपक्षी पार्टियां संसद के दोनों सदनों में हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अडानी स्टॉक क्रैश का मुद्दा उठाएंगी। इसे लेकर कांग्रेस, शिवसेना समेत कई विपक्षी सांसदों ने स्थगन नोटिस दिया।

शिवसेना सांसद (उद्धव ठाकरे गुट) प्रियंका चतुर्वेदी ने भी एलआईसी, एसबीआई, आदि की होल्डिंग्स के कथित घटनाओं को ध्यान में रखते हुए नियम 267 के तहत राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस का नोटिस दिया।

केंद्रीय राज्यमंत्री मंत्री कौशल किशोर ने कहा-सरकार ने आज़ादी के 100 साल तक का रोडमैप बनाया है। ये जो बोल रहे हैं कि ये अमृतकाल नहीं मित्र काल का बजट है तो उन्हें इसका मतलब नहीं पता और अगर मित्र काल का भी बजट मान लें, तो देश के सभी लोगों को मित्र, दोस्त मानकर बजट लाया गया है।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा-वर्षों से जनजातीय समुदाय स्वास्थ्य, शिक्षा या आधारभूत संरचना के मामले में पिछड़ा रहा है। लेकिन अब जनजातीय वर्ग की समस्याओं पर ध्यान दिया जा रहा है। इसे मिशन स्तर पर शुरू किया गया है।

इससे पहले 1 फरवरी को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2023-24(Union Budget 2023) पेश किया। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था। मोदी सरकार 2014 से अब तक 9 बजट पेश कर चुकी है। 2014 में लोकसभा चुनाव हैं, इससे पहले यह उसका 10वां बजट था। सीतारमण ने 1 घंटे 27 मिनट के भाषण में भरोसा दिलाया कि देश की अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है। उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।

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