नई दिल्ली। अडानी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोप को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने सोमवार को सदन की कार्यवाही बाधिक की। हालांकि इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के बीच फूट सामने आ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अडानी के मामले में संसद में विरोध की रणनीति पर चर्चा के लिए इंडिया ब्लॉक नेताओं की बैठक बुलाई थी। तृणमूल कांग्रेस ने इस बैठक से दूरी बनाकर साफ संदेश दे दिया है।
TMC के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह संसद में छह प्रमुख मुद्दे उठाना चाहती है, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, फंड की कमी और मणिपुर में अशांति शामिल है। दूसरी ओर कांग्रेस अडानी मुद्दे पर जोर देना चाहती है। इस गतिरोध के चलते TMC बैठक में शामिल नहीं हुई। TMC ने लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस के साथ साझेदारी नहीं की थी। इसलिए पार्टी के नेताओं का मानना है कि वे ऐसे मुद्दे पर जो उनके एजेंडे में टॉप में नहीं है इंडिया ब्लॉक का साथ देने के लिए विवश नहीं हैं।
कांग्रेस मांग कर रही है कि अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग पर चर्चा के लिए सदन में सभी कामकाज स्थगित कर दिया जाए। सोमवार सुबह कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अडानी मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। वहीं, कांग्रेस सहित कई दलों के सांसदों ने चक्रवात फेंगल से हुए नुकसान, उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा, बांग्लादेश में इस्कॉन के साधुओं को निशाना बनाए जाने और पंजाब में धान की खरीद में देरी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की है।
अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों पर अडानी समूह ने कहा है कि गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और वरिष्ठ कार्यकारी विनीत जैन रिश्वतखोरी के आरोपों से मुक्त हैं। गौतम अडानी ने कहा है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब समूह ने इस चुनौती का सामना किया है और उन्होंने जोर देकर कहा कि "हर हमला हमें मजबूत बनाता है"।