नई दिल्ली. तीन तलाक बिल लोकसभा से पास हो गया है। अब एनडीए को इसे राज्यसभा से भी पास करवाना होगा। इससे पहले सदन में ट्रिपल तलाक बिल पर चर्चा हुई, जिस पर पक्ष-विपक्ष के नेताओ ने अपना पक्ष रखा। AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिल के विरोध में अपनी बात रखी।
नई दिल्ली. तीन तलाक बिल लोकसभा से पास हो गया है। अब एनडीए को इसे राज्यसभा से भी पास करवाना होगा। इससे पहले सदन में ट्रिपल तलाक बिल पर चर्चा हुई, जिस पर पक्ष-विपक्ष के नेताओ ने अपना पक्ष रखा। कानून मंत्री ने बिल को चर्चा के लिए सदन में रखा। उन्होंने इसे मुस्लिम महिलाओं के हित में बताया। AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिल पर अपना विरोध जताते हुए कहा कि इस्लाम में शादी सिर्फ एक कॉन्ट्रेक्ट है और ये बिल संविधान के खिलाफ है। तीन तलाक को अपराध बना दिया गया है और समलैंगिकता को गैर अपराधिक बना दिया गया है।
उन्होंने कहा- नई सरकार तीन तलाक को अपराध बनाकर नया भारत बनाने जा रही है। तीन तलाक गलती से हो जाए तो शादी नहीं टूटती है। सुप्रीम कोर्ट आदेश दे चुका है। सरकार कानून के जरिए मुस्लिम औरतों पर जुल्म कर रही है।
उन्होंने बिल की कमियां गिनाते हुए कहा- पति की गिरफ्तारी के बाद कोई शौहर जेल में बैठकर अपनी पत्नी को क्या मुआवजा दे पाएगा। पति जेल में बैठा रहे और औरत तीन साल तक उसका इंतजार करती रहे। जब तक तलाक नहीं होता तो किस बात की सजा दे रहे हैं। उन्होंने बिल में प्रावधानों को इस्लाम विरोधी बताते हुए कहा कि मुस्लिमों को तहजीब से दूर करने के लिए यह बिल लाया गया है। इस्लाम में शादी जन्म जन्म का रिश्ता नहीं है। यह एक कॉन्ट्रैक्ट है। जिदंगी की हद तक है और हम उसमें खुश हैं।