kdjfks'j रमीज राजा के एक बयान के अनुसार भारत की फंडिंग से ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चल रहा है। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सट्टेबाजी कंपनी भारत से अपनी राजस्व को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में निवेश कर रही है। क्या रमीज राजा ने उस वक्त ऐसा ही कुछ सुराग दिया था।पढ़ें रिपोर्ट..
नई दिल्लीः मुंबई हमले के बाद 2008 से भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट रिलेशन एक दशक से अधिक समय से ठंडे बस्ते में है। साथ ही, लगातार सीमा पर तनाव और खराब राजनीतिक संबंधों के कारण भी दोनों देशों के बीच खेल संबंध खराब हुए हैं. लेकिन एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक भारतीय सट्टेबाजी कंपनी भारत से अर्जित अपने राजस्व को पाकिस्तान क्रिकेट (Pakistan Cricket Board) में निवेश कर रही है और स्पॉन्सर कर रही है। इस बात का पहले भी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रमिज रजा ने भी कहा था कि भारत के कारण पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चल रहा है।
रमीज राजा का खुलासा
पिछले साल रमिज राजा ने खुलासा किया था कि वित्त के मामले में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की सफलता भारत से जुड़ी थी। उन्होंने कहा था कि आईसीसी (ICC) को अगर बीसीसीआई (BCCI) फंड करना बंद कर दे तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड कंगाल हो जाएगा। इसका एक मॉड्यूल भी आईसीसी ने तैयार किया था। जिससे 90 प्रतिशत लाभ कमाया गया। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर मुनाफा कमाने का यह सिलसिला थमा तो पाकिस्तान के लिए भी फंडिंग रुक जाएगी। रमीज राजा ने सीनेट की स्थायी समिति को बताया था कि अगर किसी कारणों से बारत के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को फंडिंग रोक दी तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड तबाह हो जाएगा।
भारत पाकिस्तान का हर साल मैच
रमीज राजा ने यह भी सुझाव दिया था कि पीसीबी आईसीसी पर निर्भर रहना बंद कर दे और क्रिकेट के वित्त मामले में स्थानीय बाजार की खोज शुरू कर दे। पीसीबी की 50 फीसदी फंडिंग वर्तमान में आईसीसी के राजस्व से होती है। दूसरी ओर, उन्होंने पाकिस्तान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को शामिल करते हुए एक वार्षिक सुपर सीरीज का प्रस्ताव रखा है, जिससे हर साल फैन को भारत पाक मुकाबला देखने को मिलेगा। साथ ही यह पीसीबी को सीरीज के माध्यम से पर्याप्त राजस्व और लाभ उत्पन्न करने में भी सक्षम रहेगा। रमीज राजा ने कहा था कि इससे किसी एक देश पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड आश्रित नहीं रहेगा। अगर ऐसे ही आश्रित रहा तो कहीं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड फंडिंग रुकने के बाद बर्बाद ना हो जाए।