पाकिस्तानी गजवा-ए-हिंद माडल: पटना का दानिश था आपरेटर, 2023 में जिहाद के लिए 2016 से साजिश, फेल रहा इंटेलीजेंस

पाकिस्तान के गजवा-ए-हिंद माडल का आपरेटर पटना का दानिश बना था। 2023 में होने वाले जिहाद के लिए 2016 से ही तैयारी की जा रही थी। इस दौरान इंटेलीजेंस एजेंसीज का फेल्योर भी सामने आया।

Manoj Kumar | Published : Jul 16, 2022 9:58 AM IST

पटना. देश में किस तरह से पाकिस्तानी गजवा-ए-हिंद माडल की तैयारी चल रही थी, इसका खुलासा शुक्रवार को हुआ। पटना के फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार मरगूव अहमद दानिश की गिरफ्तारी के बाद इस माडल का पर्दाफाश हुआ है। दरअसल, पीएम मोदी के पटना आगमन से 1 दिन पहले ही आतंकी नेटवर्क का बड़ा खुलासा हुआ था। अब तक गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस और भी गिरफ्तारियां कर रही है। इसी सिलसिले में दानिश को भी अरेस्ट किया गया है।

मिली संवदेनशील जानकारियां
पटना पुलिस के मुताबिक दानिश ही पाकिस्तान के गजवा-ए-हिंद माडल का आरपरेटर था। आश्चर्य की बात है कि वह 2016 से ही इस माडल पर काम कर रहा था लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जानकारी के अनुसार इस काम के लिए व्हाट्सअप ग्रुप बनाया गया था। ग्रुप के दो एडमिन थे जिनमें से एक पाकिस्तान का फैजान है और दूसरा पटना का दानिश था। पुलिस ने 2016 से हुए व्हाट्सअप चैट के बारे में भी जानकारी दी है। इसके लिए पाकिस्तान से ही फंडिंग हो रही थी और भारत को बर्बाद करने के मैसेज भी किए जा रहे थे।

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5 बड़े राज जिनका खुलासा जरूरी

बड़े नेटवर्क का खुलासा पेंडिंग
पुलिस की मानें तो जिस तरह की चैटिंग की गई, उससे पता चलता है कि दानिश और फैजान किसी बड़ी साजिश के लिए काम कर रहे थे। पुलिस अभी तक व्हाट्सअप ग्रुप तक ही पहुंच पाई है। जबकि इस बड़े नेटवर्क का खुलासा करना अभी बाकी है। पटना पुलिस ने ईडी जांच की भी डिमांड की है। साथ ही पाकिस्तान से कनेक्शन मिलने के बाद खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं। ऐसी आशंका है कि 2016 से 2022 तक पाकिस्तान ने बिहार में बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया है। लेकिन न तो स्थानीय पुलिस और न ही खुफिया एजेंसियां इसके बारे में जान पाई थीं।

दानिश के स्मार्टफोन से खुले राज
दरअसल, पुलिस गिरफ्तार आरोपी दानिश के स्मार्टफोन की जांच की तो उनकी नींद उड़ गई। पटना पुलिस को पता चला है कि 2023 में जिहाद को पूरा किया जाना था, जिसके लिए 2016 से ही नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। पुलिस ने पीएफआई कनेक्शन को लेकर भी दानिश से पूछताछ की है। माना जा रहा है कि इस नेटवर्क की जड़ को तलाशना बड़ी चुनौती है क्योंकि इसका इंटरनेशनल कनेक्शन है। अभी तय पता चला है कि बिहार को साफ्ट टार्गेट बनाया गया है और पटना के फुलवारी शरीफ को सेफ जोन बनाया गया था।

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